Thursday , December 18 2025

विपक्षी सांसदों का प्रदूषण को लेकर प्रदर्शन, सोनिया बोली कैसे लें सांस…

विपक्षी सांसदों का प्रदूषण को लेकर प्रदर्शन, सोनिया बोली कैसे लें सांस…

नई दिल्ली, 04 दिसंबर। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बिगड़ते वायु प्रदूषण के हालात को लेकर इंडिया गठबंधन के सांसदों ने आज संसद भवन परिसर के मकर द्वार के सामने जोरदार प्रदर्शन किया। विपक्षी दलों ने सरकार पर उदासीनता का आरोप लगाते हुए शीतकालीन सत्र में इस गंभीर मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की मांग की। प्रदर्शन में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, प्रियंका गांधी वाड्रा, द्रमुक के टी. आर. बालू, राष्ट्रवादी कांग्रेस की सुप्रिया सुले सहित अनेक वरिष्ठ सांसद शामिल हुए।

सांसों पर संकट गहराते इस माहौल में विपक्षी सांसद तख्तियां और बैनर लिए हुए पहुंचे थे, जिन पर ‘मौसम का मजा लीजिए’ लिखा था। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सत्र के पहले दिन संवाददाताओं से की गई इसी टिप्पणी को विपक्ष ने प्रदूषण से हो रही परेशानियों से जोड़कर कटाक्ष के रूप में प्रस्तुत किया। बैनरों पर प्रधानमंत्री की तस्वीर भी प्रदर्शित थी।

कांग्रेस ने अपने आधिकारिक मंच पर कहा कि दिल्ली की हवा ‘जहरीली’ हो चुकी है और प्रदूषण के कारण जनजीवन संकट में है, परन्तु सरकार इस मुद्दे को लेकर निश्चिंत प्रतीत होती है। पार्टी ने आरोप लगाया कि प्रदूषण कम करने के लिए कठोर कदम उठाने के बजाय प्रधानमंत्री ‘मौसम का मजा’ लेने की बात कर रहे हैं, जो जनता की पीड़ा के प्रति असंवेदनशीलता दर्शाती है।

सोनिया गांधी ने कहा— सरकार की जिम्मेदारी निभाए

प्रदर्शन के दौरान सोनिया गांधी ने वायु प्रदूषण को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी लोग गंभीर स्वास्थ्य संकट सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “दमा से पीड़ित बच्चे सांस लेने में कठिनाई का सामना कर रहे हैं। बुजुर्गों के लिए स्थिति और भी संवेदनशील है। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इस संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए।”

प्रियंका गांधी का सरकार पर कटाक्ष: किस मौसम का मजा लें?

प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रदूषण की भयावहता पर ध्यान दिलाते हुए कहा, “देश देख रहा है कि दिल्ली की स्थिति कितनी खराब है। छोटे बच्चे और बुजुर्ग सड़क पर चल भी नहीं पा रहे। ऐसी हालत में किस मौसम का मजा लें? हर वर्ष हालात बिगड़ते हैं, लेकिन ठोस कार्रवाई नदारद रहती है।” उन्होंने कहा कि विपक्ष इस मुद्दे को राजनीतिक नहीं मानता, बल्कि इसे जन-स्वास्थ्य का प्रश्न मानकर सरकार से व्यापक कदम उठाने की अपेक्षा करता है।

विपक्ष की मांग— व्यापक योजना बने, राज्यों की संयुक्त समिति गठित हो

प्रदूषण के खिलाफ दो दिनों से लगातार विरोध जता रहे विपक्षी सांसदों ने सरकार से इस विषय पर तत्काल चर्चा कराने की मांग की। कई सांसद मॉस्क पहनकर सत्र में भी पहुंचे, जिससे संदेश स्पष्ट रहा कि स्थिति सामान्य नहीं, बल्कि आपातकालीन हस्तक्षेप की जरूरत है।

हरियाणा से सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में जिस तरह की जहरीली हवा लोग झेलने को मजबूर हैं, उसे लेकर केंद्र को सक्रियता दिखानी चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों की एक संयुक्त समिति बनाई जाए और पर्याप्त बजट के साथ वायु प्रदूषण से निपटने की एक समग्र कार्ययोजना तैयार की जाए।

सियासी मियार की रीपोर्ट