बंगलादेश में हादी के मौत के बाद हिंसा

नई दिल्ली/ढाका, 19 दिसंबर बंगलादेश में इंकलाब मंच आंदोलन के एक प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद आक्रोशित लोगों की भीड़ ने गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक ढाका और कई अन्य शहरों में जमकर उत्पात मचाया और भारतीय उच्चायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर भारत विरोधी नारे लगाए।
बंगलादेश में ‘जुलाई विद्रोह’ के प्रमुख चेहरे और दक्षिणपंथी संगठन ‘इंक़लाब मंच’ के प्रवक्ता शरीफ उस्मान हादी की गुरुवार रात सिंगापुर के एक अस्पताल में मौत हो गई थी। ढाका के बिजोयनगर इलाके में 12 दिसंबर को एक चुनावी अभियान में हुए हमले में उसके सिर में गोली लगी थी।
हादी की मौत की खबर फैलते ही समर्थक, कट्टरपंथी छात्र सड़कों पर उतर आए और आगजनी, तोड़फोड़ और लक्षित हमले शुरू कर दिए।
आक्रोशित भीड़ ने खुलना और चट्टोग्राम में भारतीय सहायक उच्चायुक्त पर हमला करने की कोशिश की। चट्टोग्राम में प्रदर्शनकारी भारतीय उच्चायुक्त इमारत की ओर बढ़े और जाकिर हुसैन रोड पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए और परिसर के बाहर धरने पर बैठ गए और “भारत का बहिष्कार करो,” “अवामी लीग के अड्डों को जला दो,” और “हादी का खून बेकार नहीं जाएगा” जैसे नारे लगाए।
ढाका में प्रदर्शनकारी बुलडोजर लेकर आए और धनमंडी 32 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के ऐतिहासिक घर के बचे हुए हिस्से को गिरा दिया। अवामी लीग के कई नेताओं के दफ्तरों और घरों पर भी हमला किया गया या आग लगा दी गई, जिसमें चश्मा हिल में पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी नौफेल का घर और उत्तरा में पूर्व ढाका-18 अवामी लीग सांसद हबीब हसन के भाई का घर शामिल है।
प्रदर्शनकारियों ने ढाका के कारवां बाजार इलाके में समाचार पत्र द डेली स्टार और प्रोथोम आलो के दफ्तरों में तोड़फोड़ की और आग लगा दी। सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने प्रोथोम आलो बिल्डिंग की कई मंजिलों में तोड़फोड़ की, फर्नीचर, दस्तावेज और उपकरण सड़कों पर फेंक दिए और फिर उनमें आग लगा दी।
द डेली स्टार के दफ्तर में स्थिति गंभीर हो गई। वहां कम से कम 20 पत्रकार और स्टाफ सदस्य घने धुएं के बीच छत पर फंस गए थे और आग तेजी से इमारत में फैल रही थी। अग्निशमन कर्मियों को आग बुझाने में काफी मशक्कत करनी पड़ी और उग्र भीड़ को काबू करने के लिए सेना को तैनात किया गया। तेजगांव स्टेशन की दमकम इकाई ने आखिरकार रात करीब 1:40 बजे आग पर काबू पाया।
अपने सहयोगियों के साथ फंसे उप संपादक सुब्रत रॉय ने कहा, “अंदर बहुत धुआं है। छत पर भी सांस लेना मुश्किल हो रहा है।” एक अन्य रिपोर्टर अब्दुल्ला एमडी अब्बास ने सोशल मीडिया पर अपील करते हुए कहा, “मेरे सभी सहयोगी छत पर हैं। वे सांस नहीं ले पा रहे हैं। कृपया हमारे लिए प्रार्थना करें।” बाद में सेना के जवानों ने इलाके को सुरक्षित करने और बचाव अभियान में मदद की।
अधिकारियों ने इन घटनाओं पर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया और यह स्पष्ट नहीं था कि कोई गिरफ्तारी हुई है या नहीं। इन हमलों से बंगलादेश में सुरक्षा स्थिति और राजनयिक मिशनों, पत्रकारों और नागरिक समाज संस्थानों की सुरक्षा को लेकर देश – विदेश में चिंताएं पैदा हो गई है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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