दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र होगा हंगामेदार, प्रदूषण और सीएजी रिपोर्टों पर घमासान तय

नई दिल्ली, 31 दिसंबर। दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र आगामी 5 जनवरी से शुरू होने जा रहा है और इसके हंगामेदार रहने के पूरे आसार हैं। सत्र के दौरान प्रदूषण, कथित भ्रष्टाचार और पिछली सरकारों के कामकाज को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है। रेखा गुप्ता सरकार ने साफ संकेत दिए हैं कि इस बार विधानसभा में कई अहम मुद्दों पर विपक्ष को घेरने की पूरी तैयारी है, जिससे आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
मंगलवार को दिल्ली सरकार के कानून मंत्री कपिल मिश्रा ने एक संवाददाता सम्मेलन में शीतकालीन सत्र को लेकर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विधानसभा का यह सत्र चार दिनों तक चलेगा और इसमें सरकार दो से तीन महत्वपूर्ण प्रस्ताव सदन में पेश करेगी। मंत्रिपरिषद ने निर्णय लिया है कि प्रदूषण जैसे गंभीर विषय पर विशेष चर्चा कराई जाएगी और इस संबंध में एक प्रस्ताव लाया जाएगा, जिस पर सभी विधायक अपनी राय रख सकेंगे।
प्रदूषण पर विशेष चर्चा की तैयारी
कपिल मिश्रा ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण की मौजूदा स्थिति, इसके पीछे के कारण, सुप्रीम कोर्ट में पूर्व सरकारों द्वारा दाखिल किए गए हलफनामे, वैज्ञानिकों की रिपोर्ट, विभिन्न सरकारों की जिम्मेदारियां और पिछले 20 वर्षों का पूरा लेखा-जोखा विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। उन्होंने विपक्ष से अपील की कि वे अपने कार्यकाल में प्रदूषण नियंत्रण के लिए उठाए गए कदमों का विवरण सदन में रखें, ताकि खुली और सार्थक चर्चा के माध्यम से यह स्पष्ट हो सके कि कहां चूक हुई और आगे क्या सुधार किए जाने की आवश्यकता है।
तीन सीएजी रिपोर्ट पेश करने का ऐलान
शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार की ओर से तीन नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक रिपोर्टें भी विधानसभा में पेश की जाएंगी। कपिल मिश्रा ने बताया कि इनमें शीशमहल से जुड़ी रिपोर्ट भी शामिल है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली सरकार के कार्यकाल में कई सीएजी रिपोर्टें तैयार हो चुकी थीं, लेकिन उन्हें जानबूझकर सदन में रखने से रोका गया। वर्तमान सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी लंबित रिपोर्टों को विधानसभा के पटल पर रखा जाएगा। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2022 तक दिल्ली जल बोर्ड की कार्यप्रणाली से संबंधित विस्तृत सीएजी रिपोर्ट तथा वर्ष 2023 तक उच्च शिक्षा क्षेत्र में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ी रिपोर्ट भी सदन में पेश की जाएंगी। सरकार का कहना है कि इन रिपोर्टों के माध्यम से जनता के सामने सच्चाई लाई जाएगी।
8 जनवरी तक चलेगा सत्र
दिल्ली विधानसभा के शीतकालीन सत्र की औपचारिक शुरुआत 5 जनवरी 2026 को सुबह 11 बजे उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना के अभिभाषण से होगी। इसके बाद सदन की नियमित कार्यवाही प्रारंभ होगी। यह सत्र 8 जनवरी 2026 तक चलेगा। उद्घाटन दिवस पर कार्यवाही प्रातः शुरू होगी, जबकि शेष दिनों में विधानसभा की बैठकें दोपहर 2 बजे से आयोजित की जाएंगी। कुल मिलाकर, प्रदूषण, सीएजी रिपोर्टों और पिछली सरकारों के कार्यकाल को लेकर होने वाली चर्चा के कारण यह शीतकालीन सत्र राजनीतिक रूप से बेहद अहम और हंगामेदार रहने की संभावना है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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