इस साल कोरोना संकट से पहले स्तर पर पहुंच जायेगी सोने की मांग….

नयी दिल्ली, 04 फरवरी। बचत बढ़ने, स्थिर कीमत और लोगों की आवाजाही बढ़ने से इस साल सोने की मांग कोरोना संक्रमण से पहले के स्तर पर पहुंच सकती है।
क्वोंटम म्यूचुअल फंड के सीनियर फंड मैनेजर चिराग मेहता का कहना है कि महंगाई बढ़ने, अस्थिर बाजार , बिटकॉइन के टूटने और अमेरिका रूस के बीच जारी तनाव से पीली धातु की मांग को बल मिला है।
गौरतलब है कि सोने में निवेश को सुरक्षित माना जाता है और अस्थिर माहौल में निवेशकों का रुझान इस ओर बढ़ जाता है।
ईटीएफ एसपीडीआर में 2004 में सूचीबद्ध होने के बाद इस साल जनवरी में सबसे अधिक 1.63 बिलियन डॉलर की दैनिक आवक दर्ज की। इससे पीली धातु में निवेशकों के रुझान को आसानी से समझा जा सकता है।
कोरोना संकट के कारण बदले माहौल से निपटने के लिए केंद्रीय बैंक क्या कदम उठाते हैं, पीली धातु के दाम इसी से तय होंगे। अमेरिका की मौद्रिक नीतियां भले ही सोने के लिए चुनौती पेश कर रही हैं लेकिन महंगाई और अन्य जोखिम पीली धातु में निवेश को प्रासंगिक बनाये हुए हैं।
कच्चे तेल की कीमतों में उछाल से भारतीय मुद्रा पर दबाव बना हुआ, जिससे पीली धातु को बल मिला है। भारत कच्चे तेल का एक बड़ा आयातक है।
चिराग मेहता का कहना है कि अगगर तेल की कीमतें मौजूदा स्तर पर टिकी रहती हैं तो इससे महंगाई बढ़ेगी। इससे भारत का आयात बिल अधिक होगा जिससे रुपये पर और दबाव बनेगा और यह स्थिति पीली धातु में निवेश को आकर्षक बना देगी।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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