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नवजोत सिद्धू ने कहा, “आई एम नॉट फॉर सेल”….

नवजोत सिद्धू ने कहा, “आई एम नॉट फॉर सेल”….

चंडीगढ़, 09 फरवरी । पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू एक बार फिर से सुर्खियों में हैं। सिद्धू ने बुधवार को एक वीडियो ट्वीट करके खुद को पंजाब का सच्चा सपूत होने का दावा किया है। सिद्धू ने इस वीडियो के माध्यम से अपना पूरा राजनीतिक सफर कुर्बानी वाला दर्शाने का प्रयास किया है। यही नहीं, उन्होंने अपने आलोचकों को भी आज जवाब दिया है। वीडियो में सिद्धू अपने तल्ख अंदाज में बोल रहे हैं, “आई एम नोट फॉर सेल।”

सिद्धू के इस वीडियो में गायक बी पराक का एक गीत चल रहा है और सिद्धू द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों में लिए गए भाग के वीडियो कट डाले गए हैं। वीडियो में ज्यादातर वे शॉट दिखाए गए हैं, जिनमें सिद्धू धार्मिक व सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते दिखाई दे रहे हैं। ज्यादातर शॉट में सिद्धू को भीड़ से घिरा हुआ दिखाया है। इसके अलावा इस वीडियो में लिखा गया है कि वर्ष 2007 में हाईकोर्ट द्वारा एक झूठे केस में सजा सुनाई गई लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस पर रोक लगा दी।

ऐसा भारतीय न्याय व्यवस्था के 60 साल के इतिहास में पहली बार हुआ कि सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ झूठे केस से बरी किया बल्कि नैतिकता प्रमाण पत्र देकर चुनाव लड़ऩे की छूट भी दी। सिद्धू ने 90 हजार वोटों के अंतर से चुनाव जीता।

इसके बाद सिद्धू के भाजपा कार्यकाल के बारे में उल्लेख करते हुए कहा गया है कि 2009 में कांग्रेस लहर के दौरान सिद्धू ने तीसरी बार एमपी बनकर पूरे उत्तर भारत से इकलौती सीट भाजपा की झोली में डाली। लोगों के दिलों में सिद्धू की बन चुकी जगह से घबराकर बादल द्वय ने दो बार जीती अपनी बहू को मंत्री बनाने और चौथी बार जीत रहे सिद्धू को पंजाब से बाहर निकालने का षड्यंत्र रच एक तीर से दो निशाने लगाने की कोशिश की।

ट्वीट में कहा गया है कि 2014 में अरुण जेटली ने सिद्धू को गाजियाबाद, पश्चिमी दिल्ली, कुरुक्षेत्र या चंडीगढ़ से एमपी की सीट और सूचना प्रसारण मंत्रालय ऑफर किया। सिद्धू ने कोई चुनाव न लड़कर पंजाब के लिए अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए छह साल की राज्य सभा सदस्यता भी छोड़ी। ऐसा स्वतंत्र भारत के इतिहास में पहली बार हुआ जब सिद्धू ने सब पद ठुकरा कर गुरु घर की चाकरी चुनी।

करतारपुर कॉरिडोर के मुद्दे पर विरोधियों द्वारा की गई घेराबंदी का जवाब देते हुए सिद्धू ने कहा कि पंजाब का बुरा चाहने वाले ने उन्हें खूब कोसा लेकिन वह अपने स्टैंड पर कायम रहे। 2017 से शहीदे आजम भगत सिंह के पुश्तैनी घर का ढाई लाख का बिजली बिल अपनी जेब से भरा।

अमृतसर में गो ग्रीन, गो क्लीन प्रोजेक्ट के लिए एक करोड़ 25 लाख अपनी निजी कमाई से दिए। 2017 में राजासांसद में जली हुई फसल के नुकसान की भरपाई के लिए 15 लाख निजी कमाई से दिए। अपोलो अस्पताल में बच्चे के लीवर ट्रांसप्लांट के लिए 10 लाख निजी कमाई से दिए।

सिद्धू ने इस वीडियो में कहा कि बाबा फरीद ईमानदारी सम्मान मिला। पंजाब में यह पहला मौका था जब किसी नेता को यह सम्मान दिया गया। उन्होंने कहा कि 2019 में विधानसभा में झोली फैलाकर बेअदबी के मुद्दे पर इंसाफ मांगा और मांग पूरी नहीं होने पर सब पद त्याग दिए। सिद्धू ने इस वीडियो के माध्यम से कांग्रेस के भीतर तथा बाहर सभी विरोधियों को घेरते हुए सवाल उठाया है कि राज्य सभा सांसद, मंत्री समेत कई अन्य पदों काे त्यागने वाला व्यक्ति केवल पंजाब का भला चाहता है।

सियासी मियार की रिपोर्ट