बिहार में ईओडब्ल्यू के निशाने पर हैं 42 रेत माफिया….

पटना, 25 फरवरी । बिहार में पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के बाद अब 5 जिलों के 42 रेत माफिया आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की जांच के दायरे में आ गए हैं। ईओडब्ल्यू के एक अधिकारी ने कहा कि उन रेत माफियाओं के खिलाफ पहले ही प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है और जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।
पटना जिले में दस माफियाओं की पहचान की गई है, जो सोन नदी में रेत खनन में शामिल हैं। इसके अलावा भोजपुर जिले में 9 माफिया, रोहतास जिले में 9, सारण में 8 और नक्सल प्रभावित औरंगाबाद जिले में 6 माफियाओं की पहचान की गयी है। सारण के अलावा अन्य 4 जिलों के माफिया सोन नदी से बालू खनन में लिप्त हैं। पूरे बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में निर्माण व्यवसाय में सोन नदी की रेत की अत्यधिक मांग है। सारण जिले में माफिया गंगा नदी में खनन में लिप्त हैं।
ईओडब्ल्यू पहले ही क्षेत्र के रेत माफियाओं के साथ कथित संबंधों के लिए दो एसपी रैंक के अधिकारियों सहित 30 से अधिक अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है। अधिकारियों ने कथित तौर पर ट्रकों में रेत के खनन, भंडारण और परिवहन के दौरान माफियाओं को सहायता प्रदान की है।
अधिकारी ने कहा, फिलहाल ज्यादातर अधिकारियों पर आय से अधिक संपत्ति का मामला ईओडब्ल्यू में दर्ज है। हम माफियाओं की चल-अचल संपत्ति का भी आकलन कर रहे हैं। जिन कंपनियों को सोन और गंगा नदियों के विभिन्न इलाकों में खनन का ठेका दिया गया है, उन्होंने क्षेत्र में व्याप्त माफियाओं के डर से आधिकारिक दस्तावेज राज्य सरकार को वापस कर दिया है। खनन कंपनियों से जुड़े अधिकारियों का आरोप है कि माफियाओं से निपटने के लिए उन्हें स्थानीय पुलिस का सहयोग नहीं मिलता है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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