डॉ सुभाष बालियान का एमआरआई सेन्टर सील, नहीं था कोई रजिस्ट्रेशन, अफसरों से भिड़े डॉक्टर…

मुजफ्फरनगर, 06 अप्रैल। रेलवे रोड पर नटराज बिल्डिंग में चल रहे डॉ सुभाष बालियान के एमआरआई सेन्टर को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। जिलाधिकारी के निर्देशन में स्वास्थ्य विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की एक टीम ने इस सेन्टर पर छापेमारी की थी, कई घंटे की जांच के बाद पाया गया कि यह सेन्टर एमआरआई करने के लिए रजिस्टर्ड नहीं था। टीम द्वारा यह कार्रवाई एक पत्रकार की पत्नी की फर्जी रिपोर्ट बनाने पर हुई शिकायत के बाद की है। कार्रवाई के दौरान चिकित्सक ने जांच कर रही टीम पर दबाव बनाने का भी प्रयास किया और उनसे निपटने की धमकी दी।
रेलवे रोड स्थित नटराज बिल्डिंग में डा. सुभाष बालियान द्वारा सिटी स्कैन व एमआरआई सेन्टर संचालित किया जा रहा था। इस सेन्टर में फर्जी रिपोर्ट बनाने का खेल वर्षों से चला आ रहा था, जिसको लेकर इस सेन्टर पर पहले भी कई बार हंगामा हो चुका है। शनिवार को उस समय इस सेन्टर पर हंगामा हो गया जब मान्यता प्राप्त पत्रकार मिर्जा गुलजार बेग की पत्नी शीजा खानम की रिपोर्ट इस सेन्टर से फर्जी प्राप्त हुई थी। इस रिपोर्ट के अनुसार शीजा खानम का गर्भाशय व दायी ओवरी नॉर्मल थी, जबकि शीजा खानम की ओवरी दो वर्ष पहले ही आपरेशन कर निकाल दी गई थी। इस रिपोर्ट को गलत बताते हुए जब पत्रकार गुलजार बेग ने इसका विरोध किया, तो इस सेन्टर पर उनके साथ दुर्व्यवहार हुआ और उनका मोबाइल भी उनसे छीन लिया गया था। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पत्रकार का मोबाइल वापिस कराया था।
इस घटना के बाद मीडिया जगत में रोष फैल गया था और इस फर्जी एमआरआई सेन्टर को बंद कराने के लिए सभी पत्रकार लामबंद हो गये थे। सोमवार को पत्रकारों ने इस मामले को लेकर जिलाधिकारी व एसएसपी को एक ज्ञापन दिया था। जिलाधिकारी ने इस मामले का संज्ञान लेते हुए तुरन्त सिटी मजिस्ट्रेट अनूप श्रीवास्तव व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. प्रशान्त कुमार के नेतृत्व में एक टीम गठित कर मामले की जांच करने का आदेश दिया था, जिसके बाद मंगलवार को टीम रेलवे रोड स्थित नटराज होटल में चले रहे डॉ. सुभाष बालियान के सेन्टर पर पहुंची और सभी रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिये, जिसमें पाया गया कि डॉ. सुभाष बालियान का एमआरआई सेन्टर रजिस्टर्ड नहीं है और अनाधिकृत रूप से संचालित किया जा रहा है।
कैसे चलता था खेल
इस सेन्टर पर जब कोई मरीज सिटी स्कैन व एमआरआई कराने के लिए जाता था, तो हॉस्पिटल का स्टॉफ मरीज से उसका पुराना अल्ट्रासाउंड व रिपोर्ट मांगते थे और उसी रिपोर्ट के आधार पर मरीज की नई रिपोर्ट बनाकर दे दी जाती थी, जिसके चलते सही परिणाम सामने नहीं आ पाते थे। शीजा खानम वाले प्रकरण में भी इस हॉस्पिटल के स्टाफ द्वारा पुरानी रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसमें शीजा द्वारा उसके पास मौजूद ऑपरेशन से पहले की रिपोर्ट दे दी गई थी और इसी रिपोर्ट के आधार पर इस सेन्टर द्वारा नई रिपोर्ट तैयार कर दी गयी, परन्तु वह यह चेक नहीं कर पाये कि जिस ओवरी को वह सही दर्शा रहे हैं, वह ओवरी मौजूद ही नहीं हैं।
पत्रकारों ने दिया था 24 घंटे का अल्टीमेटम
मीडिया सेन्टर के उपाध्यक्ष मिर्जा गुलजार बेग की पत्नी की एमआरआई की गलत रिपोर्ट तैयार करने व उनके साथ दुर्व्यवहार करने के मामले में कार्यवाही किये जाने को लेकर मीडिया सेन्टर के अध्यक्ष अनिल रॉयल द्वारा पुलिस को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया था। यदि 24 घंटे में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई होती, तो पत्रकारों की आकस्मिक बैठक बुलाकर इस मामले में रणनीति तय की जाती। पत्रकारों की एकजुटता की वजह से जिलाधिकारी ने सोमवार को इस प्रकरण में एक टीम का गठन किया था, जिसके बाद यह बड़ी कार्यवाही संभव हो पायी।
चिकित्सक ने अधिकारियों को धमकाया
चिकित्सकों द्वारा जिस समय इस सेन्टर के खिलाफ कार्यवाही की जा रही थी, तो चिकित्सक आवेश में आ गया और उसने सिटी मजिस्ट्रेट और अन्य अधिकारियों को धमकाना शुरू कर दिया। चिकित्सक ने घटना की कवरेज कर रहे पत्रकारों को भी देख लेने की धमकी दी है।
क्या कहते हैं अधिकारी
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रशान्त कुमार ने बताया कि उन्हें शिकायत प्राप्त हुई थी कि बिना पंजीकरण के डॉ. सुभाष बालियान के एमआरआई सेन्टर पर एमआरआई किया जा रहा है, जिसकी जांच के लिए सिटी मजिस्ट्रेट तथा वह यहां पहुंचे थे, जांच में पाया गया कि एमआरआई की मशीन को रजिस्टर्ड नहीं कराया गया था, जिसके चलते मशीन को सील कर दिया गया है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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