आगजनी और लूट में चार के खिलाफ आरोप तय..

नई दिल्ली, । उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए दंगे के एक मामले में अदालत ने चार आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं। कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र भट्ट की अदालत ने चारों आरोपियों के खिलाफ गोकुलपुरी और भजनपुरा में दंगा, गैरकानूनी सभा, आगजनी, जनता व पुलिसकर्मियों को घायल करने समेत अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। वहीं, इस मामलें में अदालत ने चार अन्य आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है। अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष इन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पुख्ता साक्ष्य पेश करने में असफल रहा है।
बता दें इस मामले में पुलिसकर्मी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जो अन्य कर्मचारियों के साथ उस दिन दंगा प्रभावित इलाके में तैनात था। उस पर दंगे को नियंत्रित करने और कानून व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी थी। विशेष लोक अभियोजक ने कहा कि दंगा भड़काने व आगजनी आदि के मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। कई अन्य पुलिसकर्मियों ने इनकी पहचान दंगाइयों के तौर पर की थी। सरकारी वकील का कहना था कि आरोपियों की दंगे में संलिप्तता की वीडियो फुटेज हैं, जिनमें ये तोड़फोड़ और आगजनी करते हुए नजर आ रहे हैं। वहीं बचाव पक्ष की तरफ से कहा गया कि उनके मुवक्किलों को पुलिस ने झूठे मामले में फंसाया है। उनके खिलाफ कोई कानूनी रूप से कार्यवाही के सबूत नहीं हैं। लेकिन, अदालत ने चार के खिलाफ आरोप तय करते हुए कहा कि उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त साक्ष्य हैं। इसलिए अभियोजन को इनके खिलाफ गवाहों के बयान दर्ज कराने की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए जाते हैं। ज्ञात रहे कि यह मामला फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा से संबंधित है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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