किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में किसानों से अब किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता : सरकार..

नई दिल्ली, 26 जुलाई। सरकार ने मंगलवार को कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनवाने में पहले किसानों से शुल्क वसूल किया जाता था, लेकिन अब वह वसूली खत्म कर दी गयी है और उनसे किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता।
उसने यह भी बताया कि पहले केसीसी के दायरे में किसान ही आते थे लेकिन अब इसमें पशुपालकों और मछुआरों को भी जोड़ा गया है।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने लोकसभा में भाजपा सांसद हेमा मालिनी के पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए यह बात कही।
हेमा मालिनी ने पूरक प्रश्न पूछते हुए कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने में दस्तावेजों की जांच के लिए वकील नियुक्त किया जाता है जिसके लिए शुल्क किसानों को देना पड़ता है। उन्होंने कहा कि किसान इसे बंद करवाना चाहते हैं।
उत्तर में चौधरी ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड में किसानों से चार प्रतिशत की दर से ब्याज वसूला जाता है। उन्होंने कहा कि इसमें 1,60,000 रुपये तक के ऋण के लिए कुछ गिरवी भी नहीं रखना पड़ता।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें किसानों को आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार सभी सुविधाएं दी जा रही हैं। एक समय पहले किसानों से इस संबंध में शुल्क वसूला जाता था। अब वह शुल्क वसूली खत्म कर दी गयी है और अब किसानों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं वसूला जाता।’’
चौधरी ने कहा कि नरेंद्र मोदी नीत सरकार किसानों के समर्थन के लिए हर तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि पहले केसीसी के दायरे में किसान ही आते थे लेकिन अब इसमें पशुपालकों और मछुआरों को भी जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की अवधि में भी तीन करोड़ से अधिक किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से जोड़ा गया है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal