Sunday , September 22 2024

धोखाधड़ी के मामले में अदालत ने एनजीओ के संस्थापक को अग्रिम जमानत दी..

धोखाधड़ी के मामले में अदालत ने एनजीओ के संस्थापक को अग्रिम जमानत दी..

मुंबई, 18 अक्टूबर बंबई उच्च न्यायालय ने कहा है कि महाराष्ट्र सरकार और पुलिस विभाग को गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं की अहमियत को पहचानना चाहिए और उनकी सहायता करनी चाहिए न कि ऐसे संगठनों पर संदेह करना चाहिए।

न्यायमूर्ति भारती डांगे की एकल पीठ ने 14 अक्टूबर को पारित एक आदेश में, जरूरतमंद लोगों, विशेष रूप से छोटे बच्चों के लिये धन जुटाने वाले गैर सरकारी संगठन ‘द लिटिल सनशाइन फाउंडेशन’ का संचालन करने वाले दशरथ कांबले को अग्रिम जमानत दे दी। आदेश की प्रति मंगलवार को उपलब्ध कराई गई।

कांबले पर ‘क्राउडफंडिंग’ (सामाजिक कल्याण के लिए लोगों से रकम जुटाने की प्रक्रिया) के माध्यम से झूठ और धोखाधड़ी से धन इकट्ठा करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने यह दावा करते हुए रकम जुटाई थी कि यह दो बच्चों के चिकित्सा खर्च के लिए थी।

पीठ ने अपने आदेश में कहा कि पुलिस विभाग के लिए यह आवश्यक है कि वह ऐसे गैर सरकारी संगठनों द्वारा प्रदान की जाने वाली सेवाओं का महत्व समझे और उन्हें बनाए रखे और यदि संभव हो तो उनके उपक्रमों को आगे बढ़ाने में उनकी सहायता करे।

इसमें कहा गया है कि कई एनजीओ ‘क्राउडफंडिंग’ के जरिए जुटाए गए धन के माध्यम से जरूरतमंद और निराश्रित लोगों को सेवाएं प्रदान करते हैं।

कांबले के खिलाफ इस साल जून में जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में पालघर जिले के नालासोपारा में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह आरोप लगाया गया था कि उसने चार साल के दो बच्चों के हृदय के ऑपरेशन के लिए पैसे एकत्र किए थे, लेकिन सर्जरी कभी की ही नहीं गई।

कांबले ने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए, ‘वाडिया हॉस्पिटल फॉर चिल्ड्रन’ द्वारा प्रदान किए गए दस्तावेजों पर भरोसा किया, जिसमें उनके एनजीओ की ओर से 50,000 रुपये के भुगतान की पुष्टि की गई थी और सर्जरी क्यों नहीं की गई, इसका भी विवरण था।

सियासी मीयार की रिपोर्ट