गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में सरकार ने लोकतंत्र को पराजित किया : अखिलेश..

लखनऊ, 06 नवंबर समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लखीमपुर खीरी जिले के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए रविवार को दावा किया कि सरकार ने लोकतंत्र को पराजित किया है।
चुनाव परिणाम आने के बाद रविवार को सपा मुख्यालय से जारी एक बयान में अखिलेश यादव ने कहा कि लखीमपुर खीरी के गोला गोकर्णनाथ विधानसभा उपचुनाव में सरकार ने लोकतंत्र को पराजित किया है।
उन्होंने कहा कि मतदाताओं ने 90 हजार से ज्यादा वोट समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी को देकर भाजपा को चुनौती दी है, इस चुनाव में लोकतंत्र की मर्यादाएं तार-तार हुई है।
यादव ने कहा कि भाजपा ने चुनाव जीत लेने का दावा मतदान का परिणाम आने से पहले किया था, और भाजपा के पक्ष में चुनाव में जोर जबर्दस्ती कर वोट बटोरे गए।
चुनाव परिणाम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यादव ने आरोप लगाया कि ”गोला गोकर्णनाथ चुनाव में कदम-कदम पर धांधली हुई, समाजवादी पार्टी कार्यकर्ताओं को तरह-तरह से प्रताड़ित किया गया और पुलिस ने समाजवादी समर्थकों को घरों से उठाकर भयभीत किया, प्रशासन तंत्र ने भाजपा कार्यकर्ता के रूप में काम किया।”
उल्लेखनीय है कि लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ विधानसभा सीट के उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी अमन गिरि ने 34 हजार से अधिक मतों से जीत हासिल कर ली है। यह सीट उनके पिता अरविंद गिरि के निधन के कारण रिक्त हुई थी।
आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गिरी ने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी समाजवादी पार्टी के विनय तिवारी को करीब 34,298 मतों से पराजित किया। गिरि को कुल 1,24,810 वोट मिले। वहीं, समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार विनय तिवारी को 90,512 मत प्राप्त हुए।
सपा प्रमुख ने कहा कि यह बात तो मतदान के दिन ही स्पष्ट हो गई थी कि भाजपा राज में कहीं भी स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं क्योंकि मतदाताओं को स्वतंत्र रूप से भाजपा काम ही नहीं करने देती है।
मतदान के दिन पुलिस लाठीचार्ज, पोलिंग एजेन्ट को भगा देने, खासकर मुस्लिमों, समाजवादी पार्टी के समर्थकों तथा बूथ प्रभारियों को प्रताड़ित करने, मतदाताओं में पैसे बांटने जैसी घटनाओं से साफ था कि भाजपा बौखलाहट में जीत के लिए कुछ भी करेगी।
यादव ने कहा कि भाजपा को सिर्फ सत्ता चाहिए, छल-बल, झूठ-फरेब हर हथकंडा वह इसके लिए अपनाती है।
उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर क्यों निर्वाचन आयोग चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखने और निष्पक्षता बरतने में सफल नहीं हो सका? यह स्थिति लोकतंत्र के लिए खतरे का संकेत है। भाजपा सभी नैतिक मूल्यों, आदर्शों की हत्या कर लोकतंत्र को भी दागदार बनाने पर तुल गई है। अब मतदाताओं को पूरी मुस्तैदी से होने वाले आगामी चुनावों में लोकतंत्र को बचाने का पूरी ताकत से संघर्ष करना ही होगा।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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