जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण स्थिरता पर कार्य का समय : रत्नेश..

नोएडा, एमिटी विश्वविद्यालय के एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एनवांयरमेंटल सांइसेस द्वारा राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस पर ”जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण स्थिरता पर उभरते मुद्दे” विषय पर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एनवांयरमेंटल सांइसेस की डा रेनू धूप्पर ने अतिथियों का स्वागत किया।
सम्मेलन में यूनाईटेड नेशनंस ग्लोबल कॉपेक्ट नेटर्वक इंडिया के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर रत्नेश ने कहा कि वैश्विक चुनौतियों का वैश्विक समाधान है और इसके लिए विश्व के प्रत्येक देश को मिलकर साझा प्रयास करना होगा। हमारे पास काफी जानकारी और ज्ञान एकत्र हो गया है अब समय है जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण स्थिरता पर कार्य करने का। सरकारी संस्थानों के साथ निजी क्षेत्रो की भागीदारी भी आवश्यक है। उन्होनें छात्रों से कहा कि एकत्र किये गये ज्ञान के आधार पर कार्य करना प्रारंभ करें। जमीनी स्तर पर पर्यावरण परिवर्तन, प्रदूषण को रोकने और जैव विविधता की हानि को रोकने का प्रयास करें और अपने मन से, वचन से और कर्म से इसे आत्मसात करें।
यूएनडीपी-ग्रीन क्लाइमेंट फंड के क्लाइमेट चेंज प्रोजेक्ट के नेशनल प्रोजेक्ट कोआर्डीनेटर एन वासुदेवन, अर्थवुड सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अविनाश कुमार बालयान, केन्द्रीय जल आयोग के शोध अधिकारी डा संदीप कुमार शुक्ला, एमिटी लॉ स्कूल के चेयरमैन डा डी के बंद्योपाध्याय ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे। इस अवसर पर अतिथियों ने छात्रों द्वारा लगाई गई पोस्टर और प्रदर्शनी को देखा और सराहा। इस कार्यक्रम में गु्रप एडिशनल प्रोवीसी डा तनु जिंदल और एमिटी इंस्टीटयूट ऑफ एनवांयरमेंटल सांइसेस की डा रिचा दवे नागर भी उपस्थित थी।
सियासी मियार की रिपोर्ट