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विभिन्न उपचार पद्धतियों को आजमाने के बाद दुनिया आयुर्वेद की ओर लौट रही है : मोदी..

विभिन्न उपचार पद्धतियों को आजमाने के बाद दुनिया आयुर्वेद की ओर लौट रही है : मोदी..

पीएम मोदी ने दुनिया भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने का किया आह्वान

पणजी, । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को दुनिया भर में आयुर्वेद को बढ़ावा देने का आह्वान किया। श्री मोदी ने यहां चार दिवसीय विश्व आयुर्वेद कांग्रेस के समापन समारोह को संबोधित करते हुए कहा, “मुझे खुशी है कि 30 से अधिक देशों ने आयुर्वेद को पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के रूप में स्वीकार किया है। हमें मिलकर इसे और देशों में फैलाना है। हमें आयुर्वेद को मान्यता देनी होगी।”

उन्होंने कहा, “आयुर्वेद न केवल उपचार बल्कि कल्याण के बारे में भी बात करता है। यह तंदुरूस्ती को बढ़ावा देता है। संसार भी जीवन के इसी पुराने दर्शन की ओर लौट रहा है। मुझे खुशी है कि भारत लंबे समय से इस पर काम कर रहा है। अब दुनिया योग दिवस को स्वास्थ्य और तंदुरूस्ती के त्योहार के रूप में मना रही है। पहले योग और आयुर्वेद की उपेक्षा की जाती थी लेकिन अब ये मानवता के लिए नई उम्मीद बनकर उभरे हैं। मैंने आयुर्वेद में डेटा-आधारित साक्ष्य के प्रलेखन पर बल दिया है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे पास परिणाम और प्रभाव था लेकिन हम आयुर्वेद में प्रमाण के कारण पिछड़ रहे थे। इसलिए, डेटा आधारित साक्ष्य को दस्तावेज करने की आवश्यकता है। और इसके लिए हमें लंबे समय तक लगातार काम करना होगा। हमें सभी दावों को सत्यापित करना होगा।” सरकार आयुष कंसोर्टियम विकसित करने पर काम कर रही है। आयुष उद्योग तेजी से बढ़ रहा है। बाजार के विस्तार और इससे जुड़े लाभों का लाभ उठाने की आवश्यकता है।

श्री मोदी ने कहा, “आयुष के क्षेत्र में बहुत सारे नए अवसर उभर रहे हैं। इसमें सभी के लिए अवसर हैं। आयुष में 40,000 एमएसएमई लगे हुए हैं जो स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करते हैं। आयुष उद्योग, जो आठ साल पहले 20,000 करोड़ रुपये का था, आज 1,50,000 करोड़ रुपये हो गया है। इसका मतलब है कि यह सात गुना बढ़ गया। निकट भविष्य में यह और आगे बढ़ेगा। हर्बल दवा करीब 10 लाख करोड़ रुपये की है जबकि पारंपरिक दवा बाजार का विस्तार हो रहा है। इसलिए हमें इसका लाभ उठाना चाहिए।”

गोवा जैसे पर्यटक राज्यों को आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा को बढ़ावा देकर पर्यटन को बढ़ावा देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान, गोवा, राष्ट्रीय यूनानी चिकित्सा संस्थान, गाजियाबाद और राष्ट्रीय होम्योपैथी संस्थान, नरेला, नई दिल्ली, जिनका उद्घाटन आज किया गया, आयुष स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली को और गति प्रदान करेंगे।

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इस मौके पर कहा कि प्रधानमंत्री के दूरदर्शी और गतिशील नेतृत्व ने आयुर्वेद क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। सोनोवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री आयुष क्षेत्र में एक बड़ा परिवर्तन लेकर आये हैं और भारत और विदेशों से सकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण डब्ल्यूएसी को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा के लिए वैश्विक केंद्र गुजरात में स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह ‘आयुष का अमृत महोत्सव’ होगा।’’

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा कि धारगल स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में गोवा के लोगों के लिए सीटों में 50 प्रतिशत आरक्षण होगा। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय एक ही दिन में हजारों करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू कर रहा है। मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि गोवा में आयुष का एक अलग विभाग होगा, जो आयुष चिकित्सकों को समर्पित होगा।

सियासी मियार की रिपोर्ट