धन शोधन मामला : ईडी ने चेन्नई की कंपनी की 205 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की..

नई दिल्ली,। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उसने धन शोधन मामले में चेन्नई की एक रसायन निर्माण कंपनी और उसके प्रवर्तकों की 205 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की है।
कुछ दिन पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने ईडी की जांच के खिलाफ दायर कंपनी की याचिका खारिज कर दी थी।
ईडी ने एक बयान में कहा कि उसने एमजीएम मारन, एमजीएम आनंद और उनकी कंपनी ‘सदर्न एग्रीफुराने इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड’ की संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया।
बयान के मुताबिक, कुर्क की गई संपत्तियों की कुल कीमत 205.36 करोड़ रुपये है।
वर्ष 2007 के दौरान ‘तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड’ (टीएमबीएल) के चेयरमैन रहे मारन के खिलाफ चेन्नई पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा द्वारा जांच शुरू की गई थी, जिसके आधार पर ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था।
पुलिस ने एक निजी बैंक की शिकायत के आधार पर यह मामला दर्ज किया था।
ईडी ने आरोप लगाया कि मारन ने टीएमबीएल के अन्य निदेशकों और अधिकारियों के साथ मिलकर ‘‘भारतीय शेयरधारकों से अनधिकृत विदेशी व्यक्तियों को टीएमबीएल के 23.6 प्रतिशत शेयरों की बिक्री के लिए सौदा कराया।’’
बयान में कहा गया, ‘‘एमजीएम मारन ने इसी अवधि के दौरान भारत के बाहर 293.91 करोड़ रुपये का अघोषित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हासिल किया। इस तरह के अघोषित निवेश आरबीआई की मंजूरी के बिना और अत्यधिक संदिग्ध स्रोतों से प्राप्त किए गए थे।’’
ईडी ने कहा, ‘‘भारतीय कानूनों की पहुंच से बचने के लिए एमजीएम मारन ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ दी और साइप्रस की नागरिकता हासिल कर ली।’’
उसने आरोप लगाया कि मारन ने भारत से अपना धन विदेशों में स्थानांतरित करना शुरू कर दिया था।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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