यूक्रेन-रूस संघर्ष के परिणामस्वरूप उर्वरकों की कमी : विदेश मंत्री..

नई दिल्ली, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को यूक्रेन-रूस संघर्ष के परिणामस्वरूप उर्वरकों की कमी और इनकी कीमतों में हुए इजाफा का मुद्दा उठाया और कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जहां हम विभिन्न साझेदारों के साथ काम करने की योजना बना रहे हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को आस्ट्रिया के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस दौरान विदेश मंत्री ने यूक्रेन-रूस संघर्ष को लेकर भारत की चिंता प्रकट की। उन्होंने कहा कि संघर्ष के चलते ईंधन, भोजन और उर्वरकों की कमी हो रही है। यह वैश्विक दक्षिण (एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका) के लिए बढ़ी चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दोनों देशों के नेताओं के संपर्क में हैं और इस संबंध में भारत के दृष्टिकोण पर जोर दे रहे हैं।
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत वैश्विक कार्यस्थल का पूरी तरह से लाभ उठाना चाहता है और इसके लिए कानूनी प्रवासन और गतिशीलता का प्रबल समर्थक है। हम भारतीय कौशल और प्रतिभा के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक उचित, कानूनी और समान अवसर चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत-आस्ट्रिया के बीच लगभग 2.5 अरब डॉलर का व्यापार कारोबार है। 150 से अधिक ऑस्ट्रियाई कंपनियां भारत में मौजूद हैं। हम चाहते हैं कि इनकी संख्या बढ़े।
जयशंकर ने कहा कि भारत-आस्ट्रिया के बीच कई समझौते हुए हैं और इसमें व्यापक प्रवासन और गतिशीलता साझेदारी समझौता विशेष रूप से उल्लेखनीय है। यह कौशल और प्रतिभा की मांग को उसकी उपलब्धता से जोड़ने में सक्षम करेगा।
इस दौरान आस्ट्रिया के विदेश मंत्री ने कहा कि वे भारत को एक मित्र के तौर पर देखते हैं। रूस-यूक्रेन संघर्ष में भारत तर्कपूर्ण नजरिये के साथ शांति की आवाज है। उन्होंने भारत को एक महत्वपूर्ण सहयोगी बताया और कहा कि हिन्द प्रशांत दुनिया की अर्थव्यवस्था की मुख्य धमनी है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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