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कोयला खानों को मुख्य लाइन से जोड़ने की 19 और परियोजनाएं होंगी शुरू…

कोयला खानों को मुख्य लाइन से जोड़ने की 19 और परियोजनाएं होंगी शुरू…

नई दिल्ली, । कोयला मंत्रालय 33 करोड़ टन उत्पादन क्षमता वाली कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) के लिए सम्पर्क की पहली कड़ी (फएमसी) वाली 19 और परियोजनाएं शुरू करेगा।

कोयला मंत्रालय के अनुसार इन परियोजनाओं को वित्त वर्ष 2026-27 तक लागू किया जाएगा। मंत्रालय की एक विज्ञप्ति के अनुसार 18000 करोड़ रुपए के निवेश से 52.6 करोड़ टन वार्षिक क्षमता की 55 एफएमसी परियोजनाएं पहले ही शुरू कर चुका हैं। इनमें 44-सीआईएल, पांच-एससीसीएल और तीन-एनएलसीआईएल की हैं। जिनमें से 9.55 करोड़ टन क्षमता की आठ परियोजनाएं (छह-सीआईएल और दो-एससीसीएल) चालू की जा चुकी हैं और शेष वित्त वर्ष 2025 तक चालू हो जाएंगी।

भविष्य में कुशल और पर्यावरण के अनुकूल कोयले की निकासी सुनिश्चित करने के लिए मंत्रालय कोयला खदानों के पास रेलवे साइडिंग के माध्यम से संपर्क की पहली कड़ी और कोयला क्षेत्रों में रेल नेटवर्क को मजबूत करने सहित राष्ट्रीय कोयला लॉजिस्टिक योजना के विकास पर काम कर रहा है।

सरकार ने 2024-25 तक 1.31 अरब टन कोयले और तथा 2027-30 तक 1.5 अरब टन का उत्पादन करने का लक्ष्य रखा है। इस संदर्भ में, लागत प्रभावी, तेज और पर्यावरण अनुकूल तरीके से कोयला परिवहन का विकास महत्वपूर्ण है।

मंत्रालय ने 2020-21 में राष्ट्रीय पर्यावरण अनुसंधान संस्थान (नीरी), नागपुर के माध्यम से अध्ययन किया गया। नीरी की रिपोर्ट में कहा गया है ऐसी परियोजनाओं से वार्षिक कार्बन उत्सर्जन बचत और डीजल की बचत की बचत के 2100 करोड़ रुपये की प्रति वर्ष बचत होती है।

सियासी मियार की रिपोर्ट