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लेखाकार संस्थान वैश्विक बाजार की मांग की दृष्टि से करेगा पाठ्यक्रम में बदलाव,…

लेखाकार संस्थान वैश्विक बाजार की मांग की दृष्टि से करेगा पाठ्यक्रम में बदलाव,…

नई दिल्ली, । भारतीय सनदी लेखाकार संस्थान (आईसीएआई) अपने विद्यार्थियों को वैश्विक स्तर के पेशेवर बनाने के लिए नये पाठ्यक्रम तैयार कर रहा है जिसमें अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ नई प्रौद्योगिकी पर सर्वाधिक जोर दिया जायेगा।
दुनिया के दूसरे सबसे बड़ा लेखाकार शिक्षा संस्थान आईसीएआई के अध्यक्ष देबाशीष मित्रा ने शुक्रवार को यहां संवाददाताओं को बताया कि वैश्विक स्तर पर काम करने में सक्षम लेखाकार तैयार करने के लिए संस्थान चार्टर्ड एकाउंटेंट (सीए) के पाठ्यक्रम में बदलाव लाने की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि आईसीएआई का वर्तमान पाठ्यक्रम भी अनुकरणीय है जिसे और अधिक परिष्कृत किया जा रहा है। हाल ही में उच्चतम न्यायालय ने अपनी एक टिप्पणी में कहा है कि परीक्षा व्यवस्था आईसीएआई जैसी उत्कृष्ट होनी चाहिए। इसे संस्थान एक चुनौती के रूप में ले रहा है और अपने तंत्र को और अधिक जिम्मेदारी के साथ कार्य करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
उन्होंने कहा कि आईसीएआई से प्रमाणित सीए की घरेलू और वैश्विक स्तर पर बहुत मांग है, इसे पूरा नहीं किया जा पा रहा है लेकिन संस्थान अपने मानकों से किसी तरह का समझौता करने को कतई तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि आईसीएआई से निकले 70 प्रतिशत से अधिक पेशेवर कार्पोरेट इकाइयों में अपनी सेवायें दे रहे हैं। निजी प्रेक्टिस के लिए सीए की कमी निरंतर बढ़ती जा रही है।
श्री मित्रा ने बताया कि आईसीएआई अपना दायरा निरंतर बढ़ा रहा है और उसके 47 देशों और 77 शहरों में सेटअप हैं। उन्होंने बताया कि उनका संस्थान छात्राओं की शिक्षा पर अधिक ध्यान दे रहा है और वर्तमान में आईसीएआई से 44 प्रतिशत छात्रायें जुड़ी हैं।
उन्होंने कहा कि कदाचार में लिप्त पाये गये सीए के मामले में आईसीएआई जीरो टालरेंस की नीति अपना रहा है। ऐसे पेशेवरों को आजीवन प्रतिबंधित किया जाता है। सत्यम आदि कंपनियां इसका स्पष्ट उदाहरण हैं।
श्री मित्रा ने बताया कि आईसीएआई पूरे देश के वाणिज्य और लेखा संबंधी शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों का छह और सात जनवरी को यहां दो दिवसीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है जिसमें पाठ्यक्रम और अन्य विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसमें करीब 220 से अधिक डेलीगेट शामिल हो रहे हैं।

सियासी मीयर की रिपोर्ट