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भारत ने कोविड संबंधी पाबंदियों के बीच सुरक्षा परिषद के कामकाज में आईं चुनौतियों का उल्लेख किया.

भारत ने कोविड संबंधी पाबंदियों के बीच सुरक्षा परिषद के कामकाज में आईं चुनौतियों का उल्लेख किया.

संयुक्त राष्ट्र, 13 जनवरी। भारत और चार अन्य देशों ने सुरक्षा परिषद के अपने दो साल के कार्यकाल के दौरान कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के बीच, निकाय के कामकाम में आयी चुनौतियों का उल्लेख किया और भविष्य में ऐसी ही मुश्किलों से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र के इस निकाय की कार्य पद्धतियों में सुधार करने की सिफारिश की।

भारत, आयरलैंड, केन्या, मेक्सिको और नॉर्वे ने 31 दिसंबर को 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्यों के तौर पर अपना 2021-22 का कार्यकाल पूरा किया। संयुक्त राष्ट्र के पांच सदस्य देशों के स्थायी प्रतिनिधियों ने 2021 और 2022 में सुरक्षा परिषद के निर्वाचित सदस्यों के तौर पर अपने अनुभव बयां करते हुए एक संयुक्त पत्र लिखा है।

इन प्रतिनिधियों ने पत्र में, पिछले दो वर्ष में परिषद के कामकाज में आयी चुनौतियों का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने यह उम्मीद जताते हुए सिफारिशें की कि यह पत्र ‘‘इस दौरान की चुनौतियों और सीमाओं पर एक संदर्भ का काम करेगा और ऐसे बदलाव लाने के लिए प्रेरित करेगा जिससे भविष्य में व्यक्तिगत बैठकें बुलाने की परिषद की क्षमता में व्यवधान न आए।’’

संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज, आयरलैंड के स्थायी प्रतिनिधि फर्गल मिथेन, संयुक्त राष्ट्र में केन्या के दूत मार्टिन किमानी, मेक्सिको के राजदूत जुआन रैमन डी ला फ्यूंते और नॉर्वे की दूत मोना जूल ने संयुक्त रूप से यह पत्र लिखा है। उल्लेखनीय है कि कोविड-19 संबंधी पाबंदियों के कारण परिषद की बैठक वर्चुअल तरीके से आयोजित की गयी थी।

सियासी मीयर की रिपोर्ट