यूनानी तिब्बी कांग्रेस का प्रधानमंत्री को पत्र, यूनानी को उचित प्रतिनिधित्व देने की मांग..

नई दिल्ली, 19 जनवरी । ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस ने भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) में यूनानी चिकित्सा पद्धति को उचित प्रतिनिधित्व दिए जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र के जरिए एनसीआईएसएम एक्ट-2020 में जरूरी संशोधन की मांग की गई है।
ऑल इंडिया यूनानी तिब्बी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. मुश्ताक अहमद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि भारत सरकार द्वारा एनसीआईएसएम एक्ट-2020 के जरिए भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद की जगह भारतीय चिकित्सा प्रणाली के लिए राष्ट्रीय आयोग (एनसीआईएसएम) का गठन किया गया। दुर्भाग्यवश इसमें यूनानी चिकित्सा पद्धति को पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया जिससे देशभर में यूनानी चिकित्सा से जुड़े लोगों में नाराजगी पाई जा रही है।
पत्र में दावा किया गया है कि आयोग में आयुर्वेद की तरह यूनानी के लिए अलग से कोई बोर्ड नहीं बनाया गया है और इसका यूनानी की तुलना में कम लोकप्रिय सिद्धा और सोवा रिग्पा के साथ विलय कर दिया गया है। जबकि यह सभी जानते हैं सिद्धा और सोवा रिग्पा की उपस्थिति क्षेत्रीय है। इसके बरक्स आयुर्वेद की तरह ही यूनानी चिकित्सा पद्धति देश भर में प्रचलित परंपरागत चिकित्सा पद्धति है।
प्रो. मुश्ताक ने कहा कि एनसीआईएसएम के तहत कमीशन में चार स्वायत्त बोर्ड की घोषणा की गई है। उनका कहना है कि यूनानी के 60 स्तरीय कॉलेज, 100 अस्पताल और 1500 डिस्पेंसरीज होने के बावजूद इसके साथ भेदभावपूर्ण रवैया किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि 11 अगस्त 2021 को आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किया गया नोटिफिकेशन और भी निराशाजनक है, क्योंकि इसमें आयोग समेत विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के बोर्डों के अध्यक्षों की नियुक्ति में भी यूनानी की उपेक्षा की गई।
उन्होंने कहा कि यूनानी, सिद्धा और सोवा रिग्पा का बोर्ड अध्यक्ष भी नियुक्त किया गया। इनमें यूनानी चिकित्सा के लोगों को कोई सम्मानित पद नहीं मिला, जबकि यूनानी में विशेषज्ञों और सक्षम लोगों को बड़ी तादाद है। 2014 में केंद्र में आई मौजूदा सरकार के बाद से आयुष चिकित्सा पद्धतियों के लिए किए गए बेहतरीन कार्यों की प्रशंसा करते हुए प्रो. मुश्ताक ने प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में हस्तक्षेप विनम्र मांग की है, ताकि यूनानी के साथ की गई उपेक्षा को दूर किया जा सके। साथ ही एनसीआईएसएम में हुई भयंकर त्रुटि को दूर करने के लिए संसद में पुनः संशोधन बिल लाने की भी मांग की है।
सियासी मीयर की रिपोर्ट
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