राहुल गांधी ने लंदन की संसद में कहा – ‘भारत में विपक्षी सांसदों के माइक कर दिए जाते हैं बंद’, तो राज्यसभा उपसभापति ने बताया सच.
नई दिल्ली,। कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद राहुल गांधी केंद्र सरकार पर लगातार हमला बोल रहे हैं। ब्रिटेन दौरे पर गए राहुल ने अब केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाया है। राहुल ने कहा कि संसद में बोलने के दौरान विपक्षी नेताओं के माइक बंद कर दिए जाते हैं। राहुल गांधी के आरोपों पर राज्यसभा डिप्टी चेयरमैन हरिवंश की प्रतिक्रिया आई है। उन्होंने राहुल गांधी के आरोपों को झूठा करार दिया है।
राज्यसभा सभापति ने कहा, “अपने अनुभव के आधार पर कहना चाहूंगा कि ये नितांत असत्य, बेबुनियाद आधारहीन है। मैं पिछले 9 सालों से संसद में हूं। अपने अनुभव के आधार पर कह सकता हूं कि इस तरह की बात किसी से आज तक ना मुझे सुनने को मिली और ना मेरी जानकारी में है। भारतीय संसद लोकतंत्र का जीवंत स्वरूप है। जितना मैं जानता हूं किसी और ने भी संसद के अंदर और बाहर ऐसी बातें नहीं कही हैं। इससे अप्रमाणित, अपुष्ट, असत्य, गलत कोई और बात नहीं हो सकती है।”
गौरतलब है कि राहुल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और भारतीय प्रवासियों के सम्मेलन को संबोधित करने के बाद सोमवार को ब्रिटिश संसद परिसर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा, “हमारे माइक खराब नहीं हैं, वे काम कर रहे हैं, लेकिन आप अब भी उन्हें चालू नहीं कर सकते। ऐसा मेरे बोलने के दौरान कई बार हुआ है।” बता दें कि विपक्षी लेबर पार्टी के सांसद वीरेंद्र शर्मा की ओर से हाउस आफ कामंस के ग्रांड कमेटी रूम में इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
इस दौरान राहुल ने कहा कि नोटबंदी लागू करना एक विनाशकारी वित्तीय निर्णय था, लेकिन हमें इस पर चर्चा करने की अनुमति नहीं थी। इसी तरह जीएसटी और चीनी सैनिकों के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के मुद्दे पर हमें चर्चा करने की अनुमति नहीं थी।
राहुल ने कहा कि मुझे एक ऐसी संसद याद है, जहां जीवंत चर्चाएं, गरमागरम बहस, तर्क-वितर्क, असहमति सब चीजें थीं, लेकिन हमने बातचीत की। स्पष्ट रूप से अब हम संसद में यही चूकते हैं। एक घुटन है, जो चल रही है। इस दौरान उन्होंने ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के अपने अनुभव भी साझा किए। इससे पूर्व राहुल ने कहा था कि भाजपा की विचारधारा के मूल में ही कायरता है। यह साहस और कायरता के बीच की लड़ाई है। वह अपने खिलाफ हो रही आलोचना से डरते नहीं हैं।
सियासी मियार की रिपोर्ट