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‘इंडेक्सेशन’ लाभ हटाने से विक्रेताओं को होगा नुकसान: विशेषज्ञ,….

‘इंडेक्सेशन’ लाभ हटाने से विक्रेताओं को होगा नुकसान: विशेषज्ञ,….

नई दिल्ली। पुरानी संपत्ति की बिक्री करते समय मुद्रास्फीति के समायोजन पर विचार नहीं किए जाने से निवेशकों को नुकसान हो सकता है। विशेषज्ञों ने यह बात कही।

सरकार ने मंगलवार को आम बजट में अचल संपत्तियों पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत करने और मुद्रास्फीति के समायोजन (इंडेक्सेशन) से जुड़े लाभ हटाने का प्रस्ताव रखा। हालांकि विशेषज्ञों ने इस कदम को विक्रेताओं के लिए ‘नकारात्मक’ बताया है।

प्रस्ताव पर डेलॉयट इंडिया की साझेदार आरती रावते ने कहा कि ‘इंडेक्सेशन’ के बिना एलटीसीजी का करदाताओं पर उल्लेखनीय प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा, ‘‘…इस बदलाव के साथ अब करदाता वास्तविक लागत और बिक्री मूल्य के बीच के अंतर पर कर का भुगतान करेंगे, जो उल्लेखनीय होगा।’’ उन्होंने कहा कि यदि मुद्रास्फीति के समायोजन पर विचार नहीं किया गया तो निवेशकों को नुकसान होगा।

इक्रा की उपाध्यक्ष और सह-समूह प्रमुख (कॉरपोरेट रेटिंग्स) अनुपमा रेड्डी ने भी कहा कि एलटीसीजी कर की दर में कमी के बावजूद आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र पर दीर्घकालिक रिटर्न को देखते हुए, संपत्ति की बिक्री के समय ‘इंडेक्सेशन’ लाभ को हटाने से कर में वृद्धि होने की संभावना है। रेड्डी ने कहा, ‘‘इसलिए, यह क्षेत्र के लिए नकारात्मक है।’’

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स के निदेशक (शोध) अनिकेत दानी ने कहा कि रियल एस्टेट संपत्ति पर दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर को 20 प्रतिशत से घटाकर 12.5 प्रतिशत करना सकारात्मक है। दानी ने कहा, ‘‘हालांकि, ‘इंडेक्सेशन’ लाभ को हटाना उन लोगों के लिए काफी हद तक नकारात्मक है जो अपनी पुरानी संपत्ति बेचने की योजना बना रहे हैं।’’

वहीं रियल एस्टेट निकाय क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष जैक्सय शाह ने कहा कि यदि यह मान लिया जाए कि चार वर्ष से अधिक की अवधि के लिए संपत्ति पर औसत ‘रिटर्न’ 12 प्रतिशत है और मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत है, तो प्रस्तावित परिवर्तनों का प्रभाव तटस्थ होगा। उन्होंने कहा कि दूसरी ओर यदि निवेश पर औसत ‘रिटर्न’ 12 प्रतिशत से अधिक है और मुद्रास्फीति दर पांच प्रतिशत है तो वर्तमान कर दर की तुलना में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार कर बचत होगी।

केंद्रीय बजट के ज्ञापन के अनुसार, दर को 12.5 प्रतिशत तक युक्तिसंगत बनाने के साथ, आयकर अधिनियम की धारा-48 के तहत उपलब्ध ‘इंडेक्सेशन’ को किसी भी एलटीसीजी की गणना के लिए हटाने का प्रस्ताव है, जो वर्तमान में संपत्ति, सोना तथा अन्य गैर-सूचीबद्ध परिसंपत्तियों के लिए उपलब्ध है। इसमें कहा गया, ‘‘इससे करदाता और कर प्रशासन के लिए पूंजीगत लाभ की गणना आसान हो जाएगी।’’

बजट प्रस्ताव पर मीडिया के प्रश्नों का उत्तर देते हुए वित्त सचिव टी. वी. सोमनाथन ने कहा कि ‘इंडेक्सेशन’ लाभ को समाप्त किये जाने से 95 प्रतिशत मामलों में 12.5 प्रतिशत से लाभ मिलेगा। इस बदलाव से मध्यम वर्ग को फायदा होगा।’’

सियासी मियार की रीपोर्ट