फिल्म ‘लछमिनिया’ जातिवाद की गहरी जड़ों को उजागर करती है : रितेश एस कुमार..

मुंबई, 12 सितंबर। निर्देशक रितेश एस कुमार का कहना है कि फिल्म ‘लछमिनिया’ जातिवाद की गहरी जड़ों को उजागर करती है, जो हमारे समाज में आज भी मौजूद हैं, यह फिल्म न केवल एक मनोरंजन का माध्यम है, बल्कि यह हमारे समाज की उन कुरीतियों को सामने लाने का प्रयास है, जिन्हें आमतौर पर नजरअंदाज कर दिया जाता है।
फिल्म लछमिनिया के निर्देशक रितेश एस कुमार ने जातिवाद पर अपनी फिल्म के माध्यम से जोरदार टिप्पणी की है। उन्होंने कहा, कभी-कभी हमारी जाति हमें शर्मिंदा कर देती है।” यह फिल्म जातिवाद आधारित मानसिकता पर सवाल उठाते हुए समाज की गंदी व्यवस्थाओं की आलोचना करती है।लछमिनिया दर्शकों को जागरूक करने में सफल होगी और यह समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
फिल्म के मुख्य कलाकार सिंटू सिंह सागर ने कहा, हमारी फिल्म यह दिखाती है कि कैसे जातिवाद का घुन समाज के हर स्तर पर काम करता है, और कैसे इसका प्रभाव निचली जातियों के लोगों की ज़िंदगी पर पड़ता है। फिल्म के माध्यम से, हम यह संदेश देना चाहते हैं कि हमें इन सामाजिक बुराइयों के खिलाफ उठ खड़ा होना होगा और एक समान समाज की दिशा में कदम बढ़ाना होगा।
फिल्म लछमिनिया फिल्मेनिया फिल्म फैक्ट्री और नटरंग एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी है, और इसके मुख्य कलाकार तनुश्री चटर्जी, सिंटू सिंह सागर हैं। इसके निर्माता अजिताभ तिवारी हैं और निर्देशन का कार्य रितेश एस कुमार ने किया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे सामंती लोग निचली जातियों की बहू-बेटियों पर बुरी नजर रखते हैं और मौके पर उनका नाजायज फायदा उठाते हैं। जब कोई विरोध करता है, तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है और जो आवाजें दबती नहीं हैं, उन्हें खत्म करने की साजिश रची जाती है।
फिल्म लछमिनिया” की शूटिंग बिहार के लखीसराय जिले में की गई है और यह फिल्म अब फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित होने के लिए तैयार है।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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