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कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति उरीबे 12 साल तक रहेंगे नजरबंद, धोखाधड़ी और गवाहों को रिश्वत देने के केस में अदालत ने सुनाई सजा..

कोलंबिया के पूर्व राष्ट्रपति उरीबे 12 साल तक रहेंगे नजरबंद, धोखाधड़ी और गवाहों को रिश्वत देने के केस में अदालत ने सुनाई सजा..

बोगोटा (कोलंबिया), देश के पूर्व राष्ट्रपति अल्वारो उरीबे को शुक्रवार को धोखाधड़ी और गवाहों को रिश्वत के केस में 12 साल तक नजरबंद रखने की सजा सुनाई गई। उरीबे ने खुद को निर्दोष बताया है। बचाव पक्ष के वकील ने बोगोटा के 44वें आपराधिक न्यायालय की न्यायाधीश सैंड्रा हेरेडिया के फैसले के खिलाफ अपील दायर करने की घोषणा की है।

सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, 73 वर्षीय उरीबे को न्यायाधीश सैंड्रा हेरेडिया ने चार दिन पहले इस केस में दोषी ठहराते हुए एक अभियोजक को कथित तौर पर रिश्वत देने के एक अन्य आरोप से बरी कर दिया था। उरीबे 2002 से 2010 तक कोलंबिया के राष्ट्रपति रहे हैं। वह देश के पहले ऐसे पूर्व राष्ट्रपति हैं जिन्हें आपराधिक रूप से दोषी ठहराया गया है।

यह मामला 2012 का है। विपक्षी सेंट्रो डेमोक्रेटिको पार्टी के उरीबे ने सत्तारूढ़ हिस्टोरिक पैक्ट के सीनेटर इवान सेपेडा पर एक अर्धसैनिक समूह के गठन से जोड़ने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। सेपेडा ने इन आरोपों से इनकार किया था। 2018 में नया मोड़ तब आया जब कोलंबियाई उच्चतम न्यायालय ने कथित गवाहों से छेड़छाड़ के लिए उरीबे के खिलाफ जांच शुरू करने का फैसला किया। मई 2024 में अभियोजक कार्यालय ने औपचारिक रूप से उन पर तीन अपराधों का आरोप लगाया। इसके बाद 67 दिनों तक मुकदमा चला। उरीबे ने अदालत की पूरी कार्यवाही के दौरान अपनी बेगुनाही का दावा किया।

इजराइल की सेना समूचे गाजा में नियंत्रण के विरोध में!

तेल अवीव, 08 अगस्त (वेब वार्ता)। इजराइल की सेना समूचे गाजा पर पूर्ण नियंत्रण (कब्जे) के विरोध में है। इजराइली सुरक्षा अधिकारियों का अनुमान है ऐसा करने के लिए पांच साल तक लगातार युद्ध की आवश्यकता हो सकती है। बंधकों के परिवारों को चिंता है कि हमास उनके प्रियजनों को मार सकता है या इजराइली सेना अनजाने में उनकी हत्या कर सकती है।

द न्यूयॉर्क टाइम्स की खबर के अनुसार, इजराइली सेना ने कहा है कि उसने गाजा के लगभग 75 प्रतिशत हिस्से पर कब्जा कर लिया है। इजराइल के नियंत्रण से बाहर का मुख्य क्षेत्र उत्तर में गाजा शहर से दक्षिण में खान यूनिस तक फैली एक तटीय पट्टी है। गाजा में रहने वाले 20 लाख फिलिस्तीनियों में से कई इन इलाकों में तंबुओं, अस्थायी आश्रयों और अपार्टमेंटों में सिमट गए हैं।

इजराइल की सेना की यह टिप्पणी सुरक्षा मंत्रिमंडल की प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के गाजा पर कब्जे के प्रस्ताव को मंजूरी के बीच आई है। सुरक्षा मंत्रिमंडल ने गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए पांच सिद्धांतों को अपनाया है। इनमें सबसे प्रमुख हैं गाजा पट्टी में इजराइली सुरक्षा बलों का नियंत्रण और नया नागरिक प्रशासन। प्रधानमंत्री कार्यालय ने शुक्रवार को सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक के फैसले की जानकारी दी।

सीएनएन चैनल की खबर के अनुसार, पांच सिद्धांतों में हैं- आतंकवादी समूह हमास का निरस्त्रीकरण। सभी बंधकों की वापसी वह चाहे जीवित हों या मृत। गाजा का पूरी तरह विसैन्यीकरण। गाजा में इजराइली सुरक्षा बलों का नियंत्रण और एक ऐसे नागरिक प्रशासन की स्थापना जिसमें हमास और फिलिस्तीनी प्राधिकरण नहीं होंगे। प्रधानमंत्री नेतन्याहू के कार्यालय ने कहा, सुरक्षा मंत्रिमंडल ने पांचों सिद्धांतों को अपनी मंजूरी प्रदान कर दी है।

सुरक्षा मंत्रिमंडल की बैठक से पहले प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि इज़राइल गाजा पर शासन नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा, हम इसे अरब ताकतों को सौंपना चाहते हैं जो हमें धमकी दिए बिना इसका उचित शासन करेंगी और गाजावासियों को एक अच्छा जीवन प्रदान करेंगी। यह सब हमास के साथ संभव नहीं है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बयान में साफ किया है, सुरक्षा मंत्रिमंडल ने हमास को हराने के लिए प्रधानमंत्री के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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