मेहुल चोकसी को कोर्ट से बड़ा झटका, एफईओ कार्रवाई रद्द करने की याचिका खारिज…

हीरा कारोबारी और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के मुख्य आरोपी मेहुल चोकसी को एक बड़ा कानूनी झटका लगा है। मुंबई की एक विशेष अदालत ने चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी (एफईओ) घोषित करने की प्रक्रिया रद्द करने की उसकी याचिका खारिज कर दी। चोकसी ने अपने वकीलों के माध्यम से तर्क दिया था कि वह वर्तमान में बेल्जियम की हिरासत में है और भारत के अनुरोध पर गिरफ्तार किया गया है, इसलिए इसे रचनात्मक हिरासत माना जाना चाहिए। हालांकि, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस तर्क का कड़े शब्दों में विरोध किया और कहा कि चोकसी विदेश में कानूनी कार्यवाही का विरोध केवल इस उद्देश्य से कर रहे हैं कि उन्हें भारत लाया न जाए। ईडी ने अदालत के सामने यह भी कहा कि जब तक चोकसी भारतीय एजेंसियों को सौंपे नहीं जाते और अदालत के समक्ष पेश नहीं होते, तब तक उन्हें एफईओ घोषित करने की प्रक्रिया कानूनी रूप से पूरी तरह उचित है। विशेष न्यायाधीश ने ईडी के तर्कों से सहमति जताते हुए चोकसी की अर्जी खारिज कर दी। अदालत ने माना कि चोकसी लगातार आपराधिक कार्रवाई से बचने की कोशिश कर रहे हैं। चोकसी ने एफईओ घोषित होने का विरोध करने के लिए अब तक 37 आवेदन दायर किए, जिन्हें अदालत ने देरी की रणनीति बताया। ईडी ने वर्ष 2018 में चोकसी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने की याचिका दायर की थी। कानून के अनुसार एफईओ घोषित होने के बाद सरकार मुकदमे की शुरुआत से पहले ही आरोपी की संपत्तियां जब्त कर सकती है। चोकसी जनवरी 2018 में भारत छोड़कर विदेश भाग गया था और उस पर पीएनबी से फर्जी लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग जारी कर आर्थिक लाभ लेने का आरोप है। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ने अदालत में कहा कि यदि चोकसी आत्मसमर्पण कर भारत लौटते हैं, तो उन्हें एफईओ घोषित करने की कार्यवाही स्वतः रुक जाएगी। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि चोकसी के भांजे नीरव मोदी की इसी तरह की अर्जी यूके अदालतों में खारिज हो चुकी है और 2020 में उन्हें भी एफईओ घोषित किया गया था।
सीएसी मियार की रीपोर्ट
Siyasi Miyar | News & information Portal Latest News & Information Portal