ईडी ने अंतरराष्ट्रीय तस्कर हकीमजादा के खिलाफ दायर आरोपपत्र में मादक आतंकवाद नेटवर्क का खुलासा किया

नई दिल्ली, 18 दिसंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दुबई में रह रहे अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्कर जसमीत सिंह हकीमजादा के खिलाफ दायर आरोप पत्र में एक कथित मादक आतंकवाद नेटवर्क का खुलासा किया है, जो हेरोइन की तस्करी और उससे होने वाली कमाई को प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) को वित्त पोषित करने के लिए इस्तेमाल कर रहा था।
यह आरोपपत्र राष्ट्रीय राजधानी की राउज एवेन्यू अदालत में दायर किया गया।आरोपपत्र में मादक पदार्थ हेरोइन की बिक्री से होने वाला मुनाफा आतंकवादी गतिविधियों के लिए फंड जुटाकर केएलएफ के मकसद को पूरा करने के लिए था। आरोपी ने केएलएफ की आतंकवादी गतिविधियों को फाइनेंस करने के लिए एक मादक आतंकवाद मॉड्यूल चलाने की आपराधिक साजिश रची थी।
जांच के दौरान पता चला कि जसमीत सिंह हकीमजादा अपने माता-पिता और भारत और यूएई में कई संबंधित कंपनियों के साथ, फरवरी 2019 में फॉरेन नारकोटिक्स किंगपिन डेजिग्नेशन एक्ट के तहत अमेरिकी ऑफिस ऑफ फॉरेन एसेट्स कंट्रोल (ओएफएसी) की विशेष रुप से नामित लोगों की सूची में शामिल किए गए थे।
आरोपपत्र में हकीमजादा को एक अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थ तस्कर और मनी लॉन्डरर, हरमीत सिंह को खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का प्रमुख; जजबीर सिंह समरा उर्फ जजी को भारत में नारकोटिक्स और नकदी के लिए ऑन-ग्राउंड हैंडलर बताया गया है और निर्मल सिंह उर्फ नीलधारी, सतपाल सिंह, हीरालाल और हरजीत सिंह उर्फ बग्गा सहित कई हवाला ऑपरेटरों का नाम है, जिन्होंने कथित तौर पर नशीले पदार्थो की कमाई को विदेश भेजने में मदद की। ईडी का मामला जनवरी 2020 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है।
सूत्र ने आरोपपत्र का हवाला देते हुए बताया कि कथित तौर पर पाकिस्तान से हरमीत सिंह उर्फ पीएचडी ने भारत में हेरोइन भेजी थी। खेप भारत में जसबीर सिंह समरा और उसके साथी वरिंदर सिंह चहल ने प्राप्त की और बेची। इन बिक्री से मिली नकदी को कथित तौर पर निर्मल सिंह ने इकट्ठा किया था।
यह पैसा फिर कथित तौर पर हवाला ऑपरेटरों सतपाल सिंह, हीरालाल और हरजीत सिंह उर्फ बग्गा को इस निर्देश के साथ कि इसे दो अन्य ऑपरेटरों, गोविंद सिंह और परमिंदर पाल सिंह उर्फ बॉबी के ज़रिए आगे भेजा जाए दिया गया।
सूत्र ने आगे बताया कि पैसा आखिरकार दुबई में रहने वाले जसमीत सिंह हकीमजादा को स्थानांतरित किया गया था। ईडी के आरोपपत्र में कहा गया है कि इस तरह से तीन किस्तों में लगभग 83.5 लाख रुपए इकट्ठा करके स्थानांतरित किए गए थे।
सियासी मियार की रीपोर्ट
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