Friday , September 20 2024

गणतंत्र दिवस के मौके पर दुनिया ने देखी भारत की सैन्य शक्ति…

गणतंत्र दिवस के मौके पर दुनिया ने देखी भारत की सैन्य शक्ति…

नई दिल्ली, 26 जनवरी। गणतंत्र दिवस के मौके पर बुधवार को यहां राजपथ पर आयोजित मुख्य समारोह के दौरान दुनिया ने भारत के सैन्य शौर्य को देखा। परेड की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद परंपरा के अनुसार राष्ट्रगान के बाद राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और 21 तोपों की सलामी दी गयी। परेड की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सलामी लेने के साथ हुई। परेड की कमान दूसरी पीढ़ी के सैन्य अधिकारी, परेड कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल विजय कुमार मिश्रा संभाल रहे थे। वहीं दिल्ली क्षेत्र के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल आलोक काकर परेड के सेकेंड-इन-कमांड थे।

सर्वोच्च वीरता पुरस्कारों के गौरवान्वित विजेता इन दोनों सैन्य अधिकारियों का अनुसरण कर रहे थे। इनमें परमवीर चक्र और अशोक चक्र के विजेता शामिल हैं। परमवीर चक्र विजेता सूबेदार मेजर (मानद कप्तान) योगेंद्र सिंह यादव, 18 ग्रेनेडियर्स (सेवानिवृत्त) और सूबेदार (मानद लेफ्टिनेंट) संजय कुमार, 13 जेएके राइफल्स और अशोक चक्र विजेता कर्नल डी. श्रीराम कुमार जीप पर डिप्टी परेड कमांडर का अनुसरण कर रहे थे। गौरतलब है कि परमवीर चक्र दुश्मन के सामने बहादुरी और आत्म-बलिदान के सबसे विशिष्ट कार्य के लिए दिया जाता है। अशोक चक्र युद्ध भूमि के अलावा शांति काल में वीरता और आत्म-बलिदान के ऐसे ही कार्यों के लिए दिया जाता है।

परेड में तत्कालीन ग्वालियर लांसर्स की वर्दी में पहली टुकड़ी 61 कैवलरी थी, जिसका नेतृत्व मेजर मृत्युंजय सिंह चौहान कर रहे थे। यह कैवेलरी दुनिया में एकमात्र सक्रिय सेवारत हॉर्स कैवेलरी रेजिमेंट है। इसे 01 अगस्त, 1953 को छह राज्य बलों की घुड़सवार इकाइयों को मिलाकर स्थापित किया गया था। भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व 61 कैवेलरी के माउंटेड कॉलम, 14 मैकेनाइज्ड कॉलम, छह मार्चिंग टुकड़ियों और आर्मी एविएशन के एडवांस्ड लाइट हेलिकॉप्टरों (एएलएच) ने किया। एक टैंक पीटी-76 और सेंचुरियन (टैंक वाहक पर) और दो एमबीटी अर्जुन एमके-1, एक एपीसी टोपास और बीएमपी-1 (ऑन टैंक ट्रांसपोर्टर) तथा दो बीएमपी-2, एक 75/24 टोड गन (वाहन पर) और दो धनुष गन सिस्टम, एक पीएमएस ब्रिज और दो सर्वत्र ब्रिज सिस्टम, एक एचटी-16 (वाहन पर) और दो तरंग शक्ति इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम, एक टाइगर कैट मिसाइल और दो आकाश मिसाइल सिस्टम मैकेनाइज्ड कॉलम में मुख्य आकर्षण रहे।

वहीं, राजपूत रेजिमेंट, असम रेजिमेंट, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट, सिख लाइट रेजिमेंट, सैन्य आयुध कोर और पैराशूट रेजिमेंट सहित सेना के कुल छह मार्चिंग दस्ते परेड में शामिल हुए। मद्रास रेजिमेंटल सेंटर का संयुक्त बैंड, कुमाऊं रेजिमेंटल सेंटर, मराठा लाइट रेजिमेंटल सेंटर, जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंटल सेंटर, आर्मी मेडिकल कोर सेंटर और स्कूल, 14 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, आर्मी सप्लाई कोर सेंटर और कॉलेज, बिहार रेजिमेंटल सेंटर और सेना आयुध वाहिनी केंद्र ने भी सलामी मंच के समक्ष मार्च पास्ट किया।

मार्चिंग दस्तों का मूल विषय आजादी के 75 वर्षों में भारतीय सेना की वर्दी और कार्मिकों के हथियारों के क्रमिक विकास का प्रदर्शन करना था। राजपूत रेजीमेंट की टुकड़ी 1947 की भारतीय सेना की वर्दी पहने हुए थे और इसके पास .303 राइफल थी। असम रेजिमेंट 1962 की अवधि के दौरान पहनी गई वर्दी में थे और उनके पास .303 राइफलें थीं। जम्मू-कश्मीर लाइट रेजिमेंट 1971 के दौरान पहनी जाने वाली वर्दी में थी और 7.62 मिमी सेल्फ लोडिंग राइफल थी। सिख लाइट रेजिमेंट और सेना आयुध कोर की टुकड़ी वर्तमान में 5.56 एमएम इंसास राइफल के साथ वर्दी में थी। पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी भारतीय सेना की नई कॉम्बैट यूनिफॉर्म पहनेगी, जिसका अनावरण 15 जनवरी, 2022 को किया गया और इसमें 5.56 एमएम गुणा 45 एमएम टैवोर राइफल थी।

भारतीय नौसेना दल में लेफ्टिनेंट कमांडर आंचल शर्मा के नेतृत्व में 96 युवा नाविक और चार अधिकारी कंटिजेंट कमांडर के रूप में शामिल थे। इसके बाद नौसेना की झांकी थी, जिसे भारतीय नौसेना की बहु-आयामी क्षमताओं को प्रदर्शित करने और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के तहत प्रमुख कार्यों को उजागर करने के उद्देश्य से तैयार किया गया था। देश भर में चल रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ काे भी झांकी में विशेष स्थान दिया गया था। झांकी के अगले हिस्से में 1946 के नौसेना विद्रोह को दर्शाया गया है, जिसने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया। पिछला भाग 1983 से 2021 तक भारतीय नौसेना की ‘मेक इन इंडिया’ पहल को दर्शाता है। स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित युद्धपोतों के मॉडल से हवा में घिरा हुआ एलसीए नौसेना सहित नए विक्रांत का मॉडल दर्शाया गया है। ट्रेलर के किनारों पर लगे फ्रेम भारत में नौसेना प्लेटफार्मों के निर्माण को दर्शाते हैं। वायु सेना की टुकड़ी में 96 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल थे और इसका नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रशांत स्वामीनाथन ने किया। वायु सेना की झांकी का शीर्षक ‘भारतीय वायु सेना, भविष्य के लिए परिवर्तन’ है। झांकी में मिग-21, जी-नेट, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर और राफेल विमान के स्केल डाउन मॉडल के साथ-साथ अश्लेषा रडार भी प्रदर्शित किए गए।

राजपथ पर दिखा सांस्कृतिक विविधता और लोक कलाओं का अनूठा संगम….

-इस बार के समारोह में कई बदलाव दिखे और पहली बार प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट की बजाय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

-इस साल गणतंत्र दिवस परेड के दौरान 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों तथा नौ मंत्रालयों/विभागों की झांकियां निकाली गयीं।

-मेघालय की झांकी में राज्य के 50 सालों के इतिहास को दिखाया गया। इस झांकी में महिलाओं के नेतृत्व में चल रहीं सहकारी समितियों और स्व सहायता समूहों को प्रदर्शित किया गया।

-हरियाणा की झांकी टोक्यो ओलंपिक पर आधारित रही। हरियाणा की झांकी में पहलवान बजरंग पूनिया, जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल और हॉकी खिलाड़ी रानी रामपाल को दिखाया गया।

-वहीं उत्तर प्रदेश की झांकी में इस बार काशी विश्वनाथ मंदिर मुख्य आकर्षण रहा। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर जिसका हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकार्पण किया है, उसको प्रमुखता से दर्शाया गया।

-उत्तराखंड की झांकी में सिखों के प्रमुख तीर्थ हेमकुंड साहिब, टिहरी डैम, डोबरा चांठी पुल और चार धाम में से एक बदरीनाथ धाम के साथ ही सरकार की उत्तराखंड के चार धाम को लेकर चल रही महत्वपूर्ण योजना ‘ऑल वेदर रोड’ का प्रदर्शन किया गया।

-पंजाब की झांकी में राज्य से जुड़े स्वतंत्रता सैनिकों और उनके संघर्ष की कहानी को दर्शाया गया। इसमें भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरू की प्रतिमा के साथ लाला लाजपत राय पर हुए लाठी चार्ज और सरदार उधम सिंह को जलियांवाला बाग के दोषी माइकल ओ डायर की हत्या करते हुए दिखाया गया।

-ऐतिहासिक धरोहरों को समेटे गोवा की झांकी जब राजपथ पर निकली ,लोगों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उसका स्वागत किया।

-गुजरात की झांकी में राज्य के आदिवासी क्रांतिकारियों के जीवन और उनके बलिदान से जुड़े इतिहास को दर्शाया गया।

-वहीं कर्नाटक की झांकी में राज्य की पारंपरिक हस्तशिल्प कला को दर्शाया गया। इसमें कमला देवी जिन्होंने विलुप्त होने की कगार पर पंहुचे पारंपरिक हस्तशिल्प को पुनर्जीवित करने का काम किया, को प्रमुखता दी गयी, जिसे लोगों ने काफी सराहा।

-जम्मू-कश्मीर की झांकी में प्रदेश के बदलते स्वरूप को दर्शाया गया और लोगों को बताने की कोशिश की गयी कि प्रदेश अब दिनों-दिन प्रगति की पथ पर अग्रसर हो रहा है।

-महाराष्ट्र की झांकी में राज्य की जैव-विविधता और जैव प्रतीकों को प्रदर्शित किया गया। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों की भी झांकियां भी निकाली गयीं, जिसे लोगों ने सराहा और तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।

-राज्यों की झांकियों के अलावा मंत्रालय और विभागों से जुड़ी अन्य नौ झांकियां भी निकाली गयी। इनमें संस्कृति मंत्रालय, शिक्षा एवं कौशल विकास मंत्रालय, वस्त्र मंत्रालय, नागर विमानन मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, विधि एवं न्याय मंत्रालय, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारतीय डाक विभाग, डीआरडीओ और तीनों सेनाओं से जुड़े अत्याधुनिक हथियारों तथा विमानों की झांकियां भी शामिल थीं।

-विभागों की झांकियों की बात करें तो इंडिया पोस्ट की झांकी महिला सशक्तीकरण पर केंद्रित रही। इसे लोगों ने खूब सराहा और तालियां बजाकर कलाकारों का स्वागत किया।

-वहीं जल शक्ति मंत्रालय की झांकी में दर्शाया गया कि कैसे जल जीवन मिशन ने लद्दाख में 13,000 फुट से अधिक की ऊंचाई पर शून्य से 20 डिग्री सेल्सियस कम तापमान में स्वच्छ नल का पानी उपलब्ध कराकर लोगों के जीवन स्तर में सुधार किया।

-इस वर्ष गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर आयोजित समारोह में पहली बार नागरिक उड्डयन मंत्रालय की झांकी भी निकाली गयी, जिसमें ‘उड़ान’ योजना की गौरवपूर्ण सफलता को दर्शाते हुए बुद्धिस्ट सर्किट के पर्यटक स्थलों को दिखाया गया।

-झांकियों के बाद अखिल भारतीय नृत्य प्रतियोगिता ‘वंदे भारतम’ के माध्यम से चुने गए 480 नर्तक एवं नर्तकियों ने सांस्कृतिक प्रस्तुती देकर लोगों का मन मोह लिया। इस दौरान लोगों ने तालियां बजाकर कलाकारों की हौसला अफजाई की।

-परेड को बेहतर ढंग से देखने के लिए, राजपथ के प्रत्येक तरफ पांच-पांच यानी कुल मिलाकर 10 बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाए गए थे।

-झांकियों के बाद शुूरू हुए देश के जाबांज जवानों के हैरतअंगेज करतब, जिसके देख कर लोग अचम्भित रह गए।

-मोटरसाइकल पर सवार महिला सुरक्षाकर्मियों की टुकड़ी जब राजपथ पर उतरी तो उनके हैरतअंगेज करतब को देख कर लोग अचम्भित रह गए।

-गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर पहली बार पांच राफेल विमानों ने एरोहेड फॉर्मेशन में उड़ान भरी, जिसके देखने के लिए लोग अपनी कुर्सियों से उठकर खड़े हो गए और हाथ हिलाकर जाबांजों की हौसला बढ़ाया।

-गणतंत्र दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में पहली बार भारतीय वायु सेना के 75 विमानों / हेलिकॉप्टरों को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तौर करतब दिखाए। राफेल, सुखोई, जगुआर, एमआई-17, सारंग, अपाचे और डकोटा जैसे पुराने और वर्तमान आधुनिक विमान/हेलिकॉप्टर राहत, मेघना, एकलव्य, त्रिशूल, तिरंगा, विजय और अमृत सहित विभिन्न संरचनाओं का प्रदर्शन किया।

-गणतंत्र दिवस के मौके पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किये गए थे। राजधानी दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया गया और जगह-जगह सीसीटीवी लगा कर सुरक्षाकर्मी हर गतिविधि पर नजर रख रहे हैं।

-गणतंत्र दिवस के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग तथा मास्क पहनने से जैसे नियम का सख्ती के साथ पालन किया गया।

-इस बार सिर्फ छह हजार लोगों को ही राजपथ पर आने को अनुमति दी गयी थी और 15 साल से कम उम्र के लोगों के लिए यहां पर प्रवेश पूरी तरह से वर्जित था।

सियासी मियार की रिपोर्ट