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अमेरिकी संसद ने यूक्रेन की सहायता के लिए 13.6 अरब डॉलर के आपात पैकेज को मंजूरी दी…

अमेरिकी संसद ने यूक्रेन की सहायता के लिए 13.6 अरब डॉलर के आपात पैकेज को मंजूरी दी…

वाशिंगटन, 11 मार्च । अमेरिका की संसद ने यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों को सैन्य और मानवीय सहायता के लिए 13.6 अरब डॉलर के आपात पैकेज को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। रूस के यूक्रेन पर हमले से हजारों लोग मारे गए हैं और बीस लाख से अधिक लोग देश छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। अमेरिकी संसद ने लोगों की मदद के वास्ते कुल 150000 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी। इस विधेयक को 68-31 मतों से मंजूरी मिली। संसद में बहुमत के नेता चक शूमर ने मतदान से पहले कहा,‘‘ हमने यूक्रेन की जनता से

वाशिंगटन, 11 मार्च (एपी) अमेरिका की संसद ने यूक्रेन और यूरोपीय सहयोगियों को सैन्य और मानवीय सहायता के लिए 13.6 अरब डॉलर के आपात पैकेज को बृहस्पतिवार को मंजूरी दी। रूस के यूक्रेन पर हमले से हजारों लोग मारे गए हैं और बीस लाख से अधिक लोग देश छोड़ कर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। अमेरिकी संसद ने लोगों की मदद के वास्ते कुल 150000 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दी। इस विधेयक को 68-31 मतों से मंजूरी मिली।

संसद में बहुमत के नेता चक शूमर ने मतदान से पहले कहा, ‘‘हमने यूक्रेन की जनता से वादा किया था कि वे पुतिन के खिलाफ संघर्ष में अकेले नहीं होंगे, और एक बार हम इस पैकेज को मंजूरी दे दें, हम अपने वादे पर खरे उतरेंगे।’’ प्रतिनिधि सभा ने बुधवार को समझौता विधेयक पारित किया था। राष्ट्रपति जो बाइडन के हस्ताक्षर इस पर जरूरी थे।

इस राशि की आधी रकम, करीब 13.6 अरब डॉलर यूक्रेन को हथियार और अन्य साजो सामान मुहैया कराने तथा अन्य पूर्वी यूरोपीय देशों को अमेरिकी सैनिकों को भेजने पर खर्च होनी है। शेष राशि का इस्तेमाल मानवीय, आर्थिक सहयोग, क्षेत्रीय सहयोगियों की रक्षा क्षमता मजबूत करने तथा साइबर सुरक्षा आदि के लिए है।

रिपब्लिक पार्टी के सदस्यों ने इसका मजबूती से समर्थन किया है,लेकिन उन्होंने राष्ट्रपति बाइडन की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने बहुत धीरे और डरते हुए यह कदम उठाया है। साथ ही उन्होंने पोलैंड के साथ उस मामले के भी हल नहीं होने की आलोचना की जिसमें पोलैंड ने यूक्रेन की मदद के लिए अपने लडाकू विमान देने की पेशकश की थी।

संसद में अल्पसंख्यक नेता मिच मैककोनेल ने कहा, ‘‘इस प्रशासन की पहली प्रवृत्ति है बचना, फिर अंतरराष्ट्रीय और सार्वजनिक दबाव बढ़ने की प्रतीक्षा करना, और फिर कार्रवाई करना है।’’

सियासी मियार की रिपोर्ट