त्रिपुरा में जनजातियों से संबंधित संशोधन विधेयक पर संसद की मुहर…

नई दिल्ली, 06 अप्रैल । राज्यसभा ने संविधान (अनुसूचित जनजातियां) आदेश (संशोधन) विधेयक 2022 को बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया जिससे इस पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है।
विधेयक में त्रिपुरा राज्य के संबंध में अनुसूचित जनजातियों की सूची में एक समुदाय को शामिल करने के लिए अनुसूचित जनजाति संविधान आदेश, 1950 में संशोधन का प्रावधान है। विधेयक में डारलोंग समुदाय को कुकी जाति की उप-जनजाति के रूप में अनुसूचित जनजातियों की सूची में सम्मिलित करने का प्रस्ताव है।
जनजातीय कार्य राज्य मंत्री रेणुका सिंह सरूता ने विधेयक पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि सरकार आदिवासी समुदाय और उनके क्षेत्रों के विकास के प्रति वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार सदन में सदस्यों द्वारा विभिन्न जातियों को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने के सुझावों पर गंभीरता से विचार कर रही है। राज्यों के प्रस्ताव के आधार पर विचार कर यह प्रक्रिया पूरी की जायेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार ने आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल शुरू किये हैं। इन स्कूलों की संख्या 679 पहुंच गयी है और इनमें से प्रत्येक स्कूल में 400 से भी अधिक बच्चे पढ रहे हैं। स्कूलों के भवनों का अब आधुनिक सुविधाओं के साथ निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जनजातीय कार्य मंत्रालय का बजट 87 हजार करोड़ रूपये है जिसे इन क्षेत्रों के विकास पर खर्च किया जायेगा। आदिवासी क्षेत्रों के विकास के लिए बनाये गये वन धन विकास केन्द्रों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इनकी संख्या 36 हजार पहुंच गयी है। उनके जवाब के बाद सदन ने विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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