रिहाई के लिए विचाराधीन कैदियों की पहचान करने का अभियान चला रहा नालसा

नई दिल्ली, 30 जुलाई विधि मंत्री किरण रीजीजू ने शनिवार को कहा कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) ने रिहाई के लिए पात्र विचाराधीन कैदियों की पहचान करने और उनके मामलों को समीक्षा समिति में भेजने की सिफारिश करने के लिए एक अभियान चलाया है।
अखिल भारतीय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की यहां आयोजित पहली बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए रीजीजू ने कहा कि यह अभियान 16 जुलाई को शुरू हुआ, जिसके तहत जिला विधिक सेवा प्राधिकारियों को प्रगति पर चर्चा करने के लिए, अतिरिक्त मामलों की समीक्षा करने और जरूरत पड़ने पर उच्च न्यायालय एवं उच्चतम न्यायालय में जमानत याचिकाएं दायर करने सहित अन्य कदम उठाने के लिए साप्ताहिक आधार पर विचाराधीन समीक्षा समिति (यूटीआरसी) की बैठक करने का निर्देश दिया गया है।
रीजीजू ने कहा कि ये बैठकें 13 अगस्त तक प्रत्येक सप्ताह होंगी, ताकि 15 अगस्त से पहले अधिकतम विचाराधीन कैदियों को रिहा किया जा सके।
यह अभियान देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाए जा रहे ‘‘आजादी का अमृत महोत्सव’’ के तहत चलाया जा रहा है।
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधान न्यायाधीश एन.वी.रमण और उच्चतम न्यायालय के अन्य वरिष्ठ न्यायाधीश भी मौजूद थे।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि यूटीआरसी के अध्यक्ष के तौर पर जिला न्यायाधीश विचाराधीन कैदियों की रिहाई की प्रक्रिया तेज कर सकते हैं।
रीजीजू ने ‘‘हर घर तिरंगा’’ अभियान का संदर्भ देते हुए न्यायपालिका को भी इसमें शामिल होने का अनुरोध किया।
इस अभियान के तहत लोगों को 13 से 15 अगस्त के बीच अपने-अपने घरों पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
सियासी मियार की रिपोर्ट
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