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महाराष्ट्र में दिशा सालियान मामले को लेकर सत्ता पक्ष ‘नाटक’ कर रहा: अजीत पवार का आरोप..

महाराष्ट्र में दिशा सालियान मामले को लेकर सत्ता पक्ष ‘नाटक’ कर रहा: अजीत पवार का आरोप..

नागपुर, । महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता अजीत पवार ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की पूर्व मैनेजर दिशा सालियान की मौत के मामले में सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं। उन्होंने सालियान मामले में सत्ता पक्ष द्वारा ‘नाटक’ किए जाने का भी आरोप लगाया।

राज्य विधानमंडल परिसर में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने दावा किया कि सत्तापक्ष सदन में विपक्ष को अपनी बात नहीं रखने दे रहा ताकि वह पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी सरकार में शहरी विकास मंत्री रहने के दौरान किए गए भूमि आवंटन को लेकर उठे विवाद से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का “बचाव” कर सके।

महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार को राज्य विभानसभा में कहा था कि सालियान की मौत के मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया जाएगा।

पुलिस के अनुसार, सालियान (28) ने आठ जून, 2020 को मुंबई के मलाड इलाके में एक ऊंची इमारत से कूदकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी।

राजपूत 14 जून 2020 को मुंबई के बांद्रा इलाके में अपने अपार्टमेंट में फंदे से लटके पाए गए थे।

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने सालियान की मौत की एसआईटी जांच की मांग की थी।

पवार ने कहा कि सत्ता पक्ष विपक्ष को विधानसभा में बोलने नहीं दे रहा है। बृहस्पतिवार को सदन की कार्यवाही को तीन बार स्थगित किया गया।

उन्होंने दावा किया, “सदन के सुचारु रूप से चलने और महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने के लिए विपक्ष प्रयास कर रहा है। हालांकि, सत्तारूढ़ दल के विधायक कार्यवाही को बाधित कर रहे हैं और दिशा सालियान की मौत के मामले में नाटक कर रहे हैं।”

पवार ने कहा कि मामले (सालियन की मौत) की जांच सीबीआई ने की थी और पूछा कि क्या सत्ताधारी दल को केंद्रीय जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं है।

उन्होंने कहा, “सत्ताधारी दल के विधायक सदन में अव्यवस्था पैदा कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि विपक्ष मुख्यमंत्री को नागपुर इंप्रूवमेंट ट्रस्ट (एनआईटी) पर घेरेगा।”

बंबई उच्च न्यायालय की नागपुर पीठ ने पिछली उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में शहरी विकास मंत्री रहने के दौरान शिंदे द्वारा लिए गए एक फैसले पर यथास्थिति का पिछले हफ्ते आदेश दिया था। यह मामला झुग्गीवालों के लिये निर्धारित जमीन को अन्य लोगों को आवंटित करने से संबंधित है।

सियासी मीयार की रिपोर्ट