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नोएडा एक्सप्रेसवे होगा और चौड़ा, लाखों लोगों की परेशानी खत्म होगी..

नोएडा एक्सप्रेसवे होगा और चौड़ा, लाखों लोगों की परेशानी खत्म होगी..

नोएडा,। नोएडा और ग्रेटर नोएडा की लाइफ लाइन कहे जाने वाले एक्सप्रेसवे से जुड़ी बड़ी खबर है। नोएडा एक्सप्रेसवे को और चौड़ा करवाया जाएगा। इसके लिए नोएडा अथॉरिटी ने एक कंपनी को ज़िम्मेदारी सौंपी है। पहले दौर का सर्वे किया जा चुका है। हालांकि, सर्वे रिपोर्ट मुख्य कार्यपालक अधिकारी रितु महेश्वरी ने खारिज कर दी है। नए सिरे से सर्वे करने का आदेश सीईओ ने दिया है। यह काम कर रही कंपनी को वीडियो रिपोर्ट बनाकर प्रजेंटेशन देना होगा।

आखिर क्या है परेशानी
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के बीच करीब 30 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे हैं। दोनों शहरों के बीच इस मार्ग से रोजाना लाखों लोग आवागमन करते हैं। ग्रेटर नोएडा और आगरा के बीच 165 किलोमीटर लंबा यमुना एक्सप्रेसवे शुरू होने के बाद नोएडा एक्सप्रेसवे पर वाहनों की संख्या बढ़ी है। नोएडा शहर में महामाया फ्लाईओवर से गौतम बुद्ध द्वार तक एक्सप्रेसवे की राह में कई अड़चन हैं। दलित प्रेरणा स्थल की दीवारों ने एक्सप्रेसवे को संकुचित कर दिया है। महामाया फ्लाईओवर से लेकर फिल्म सिटी और चिल्ला बॉर्डर तक हर वक्त ट्रैफिक धीमा रहता है। सुबह और शाम ट्रैफिक जाम लग जाता है। जिसमें रोजाना हजारों वाहन फंसते हैं।

अब समाधान करवाएगा प्राधिकरण
अब नोएडा अथॉरिटी ने महामाया फ्लाईओवर से लेकर सेक्टर-14ए के पास गौतम बुद्ध द्वार तक एक्सप्रेसवे को चौड़ा करने का निर्णय लिया है। एक्सप्रेसवे की चौड़ाई किस तरह बढ़ायी जाए, यह पता लगाने की जिम्मेदारी एक कंपनी को सौंपी गई है। कंपनी ने पिछले 15 दिन महामाया फ्लाईओवर से लेकर गौतम बुद्ध द्वार तक इस सड़क का सर्वे किया। ट्रैफिक के दबाव का आंकलन किया गया। शुक्रवार को यह रिपोर्ट सीईओ रितु महेश्वरी के सामने पेश की गई। रितु महेश्वरी ने सर्वे पर कई आपत्तियां दर्ज करवाई हैं। अब इन आपत्तियों का समाधान कम्पनी को करना है। रितु महेश्वरी ने सर्वे रिपोर्ट के साथ वीडियो रिपोर्ट भी बनाने का निर्देश दिया है। अब स्टैटिक कैमरों और ड्रोन के जरिए वीडियो सर्वे करवाया जाएगा।

400 करोड़ रुपये में बना था एक्सप्रेसवे
आपको बता दें कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे छह लेन का एक्सप्रेसवे है, जो नोएडा और ग्रेटर नोएडा को जोड़ता है। इस एक्सप्रेसवे का विस्तार ताज इकोनॉमिक जोन, इंटरनेशनल एयरपोर्ट और यमुना एक्सप्रेसवे के साथ बनाए जाने वाले एविएशन हब तक किया जा रहा है। एक्सप्रेसवे 24.53 किलोमीटर लंबा है, जिसे पुराने दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग को राहत देने के लिए 400 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था। दरअसल, नेशनल हाइवे पहले से ही भीड़भाड़ वाला था। यह फरीदाबाद, बल्लभगढ़ और पलवल जैसे शहरों के बीच से होकर गुजरता था। नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे देश के शुरूआती एक्सप्रेसवे में से एक है। यह नोएडा में महामाया फ्लाईओवर और ग्रेटर नोएडा में परी चौक को जोड़ता है। नोएडा में दिल्ली की ओर डीएनडी फ्लाई-वे और चिल्ला बॉर्डर तक जाता है।

हाल में पूरा हुआ रि-सरफेसिंग का काम
नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे का निर्माण वर्ष 2002 में पूरा हुआ था। तब से एक्सप्रेसवे का पुनर्निर्माण नहीं करवाया गया। हाल ही में एक्सप्रेसवे की रि-सरफेसिंग का काम पूरा हुआ है। नोएडा की सीईओ रितु महेश्वरी ने करीब डेढ़ साल पहले रि-सरफेसिंग का काम शुरू करवाया था। आपको बता दें कि तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने जुलाई 2002 में इसकी शुरुआत की थी। हालांकि, एक्सप्रेसवे की नींव मायावती के पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह ने रखी थी। इसे रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की परिकल्पना माना जाता है। राजनाथ सिंह ने ही जेवर अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की परिकल्पना की थी। उन्हीं के कार्यकाल में नोएडा और दिल्ली के बीच डीएनडी फ्लाईओवर बना था।]

सियासी मियार की रिपोर्ट