Tuesday , September 24 2024

जब प्रधानमंत्री मणिपुर पर बयान नहीं देते तो लोकतंत्र के मंदिर में ‘व्यवधान, हंगामा’ होता है: सिब्बल..

जब प्रधानमंत्री मणिपुर पर बयान नहीं देते तो लोकतंत्र के मंदिर में ‘व्यवधान, हंगामा’ होता है: सिब्बल..

नई दिल्ली, 24 जुलाई । राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री मणिपुर पर कोई बयान देने या सवालों का जवाब देने से इनकार करते हैं, तो लोकतंत्र के मंदिर में व्यवधान एवं हंगामा पैदा होता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा था कि लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए व्यवधान और हंगामे को रणनीतिक साधन रूपी हथियार बनाया जा चुका है। इसी के मद्देनजर सिब्बल ने यह बयान दिया।

सिब्बल ने ट्वीट किया कि उपराष्ट्रपतिः लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए हंगामे और व्यवधान को हथियार बनाया जा रहा है…। ऐसा मंदिर, जहां प्रधानमंत्री मणिपुर पर बयान देने से इनकार कर देते हैं, सवालों का जवाब देने से मना कर देते हैं? तभी लोकतंत्र के मंदिर में हंगामा और व्यवधान होता है। सरकार मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के लिए सहमत हो गई है। इस दौरान गृह मंत्री जवाब देंगे, लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस मामले पर बयान दिए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने रविवार को यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि समाज के विकास के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से खुद को सशक्त बनाने की अपील की। धनखड़ ने कहा था, जनता की भलाई के लिए संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस लोकतंत्र है। व्यवधान और हंगामा निश्चित रूप से लोकतंत्र नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा कि मुझे आपको यह बताते हुए दुख और पीड़ा हो रही है कि लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल कर

ने के लिए व्यवधान और हंगामे को रणनीतिक साधन रूपी हथियार बनाया जा चुका है। मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध के कारण लोकसभा और राज्यसभा में मानसून सत्र के दौरान कोई भी कामकाज नहीं हो पाया है।

सियासी मियार की रिपोर्ट