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भारतीय अमेरिकी ने दिव्यांग लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने के लिए अभियान शुरू किया..

भारतीय अमेरिकी ने दिव्यांग लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने के लिए अभियान शुरू किया..

वाशिंगटन, 02 जून । अमेरिका स्थित एक गैर सरकारी संगठन ने शनिवार को बौद्धिक रूप से दिव्यांग लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ कराने के लिए एक पहल की घोषणा की। इस पहल का उद्देश्य पहले साल के दौरान भारत में 10 हजार लोगों की मदद करना है।

एक विज्ञप्ति में बताया गया कि ‘हितार्थ’ परियोजना के तहत अमेरिका स्थित ‘वायस ऑफ स्पेशियली एबल्ड पीपुल’ (वीओएसएपी) ने सामाजिक कार्यकर्ताओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए परिवार एनसीपीओ (नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ पैरेंट्स ऑर्गेनाइजेंशंस) के साथ साझेदारी की है।

इसमें कहा गया है कि इस साझेदारी का मकसद बौद्धिक रूप से दिव्यांग व्यक्तियों को जरूरी चिकित्सा, दंत चिकित्सा, आउट पेशेंट विभाग (ओपीडी) सेवा सुलभ कराने में सहायता करना तथा भारत सरकार की ‘निरामय‘ योजना के तहत प्रति वर्ष एक लाख रुपये तक की प्रतिपूर्ति प्राप्त कराना है।

वीओएसएपी के कैलिफोर्निया स्थित संस्थापक प्रणव देसाई ने कहा, ‘‘हम वीओएसएपी प्रभाव को विस्तारित करने के लिए इस नए मॉडल के साथ उपलब्ध अवसरों को लेकर बहुत उत्साहित हैं जो भारत सरकार के मौजूदा कार्यक्रमों और परिवार जैसे हमारे विश्वसनीय और प्रतिष्ठित साझेदारों की ताकत का लाभ उठाता है।’’

वीओएसएपी दिव्यांग क्षेत्र का एक अग्रणी गैर सरकारी संगठन है जिसने 2017 से 25,000 से अधिक दिव्यांग व्यक्तियों को सहायक उपकरण, सर्जिकल हस्तक्षेप और छात्रवृत्ति प्रदान करके सक्षम बनाया है।

‘निरामय’ योजना के तहत बीमा प्रदान किया जाता है जिसके अंतर्गत बौद्धिक रूप से दिव्यांग लोगों के इलाज पर आने वाले एक लाख रुपये तक के खर्च की प्रतिपूर्ति की जाती है।

भारत सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में 1,87,290 (1.87 लाख) नामांकित लाभार्थियों में से केवल 28,323 दावों का निपटान किया गया। यह आंकड़ा प्रति दावा औसतन 6,405 रुपये का है।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि ‘‘पायलट कार्यक्रम का लक्ष्य अपने पहले वर्ष के भीतर बौद्धिक रूप से दिव्यांग 10,000 व्यक्तियों को लाभान्वित करना है और इस संख्या को बढ़ाकर एक लाख लाभार्थियों तक पहुंचने का लक्ष्य है। हितार्थ परियोजना का प्रयास बौद्धिक रूप से दिव्यांग लोगों की जीवन की गुणवत्ता को जरूरी चिकित्सा के जरिये बढ़ाना है।’’

सियासी मीयार की रीपोर्ट