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छात्र परीक्षा के परिणाम से निराश न हों…

छात्र परीक्षा के परिणाम से निराश न हों…

-संजय गोस्वामी-

आईआईटी जेईई एडवांस के परीक्षा परिणाम( 2024) से कई छात्रों में खुशी मिली और उससे भी ज्यादा छात्रों को निराशा हाथ लगी कई छात्रों को फपक फपक कर रोते देखा हुँ जीससे उनके उम्मिदों पर पानी फिर गया लेकिन चिंता करने से क्या होगा संकट में भी निराश न हों और विश्वास रखें कि प्रभु के हाथ असंख्य हैं। एक छोटा द्वार हमारे लिए बंद हो गया है, तो कोई बड़ा-सा द्वार अवश्य मिलेगा। ईश्वर हमारा श्रेष्ट मित्र एवं बन्धु है। न देवा दण्डमादाय रक्षन्ति पशुपा

लवत्। यं तू रक्षितुमिच्छन्ति बुद्धया संयोजयन्ति तम्। ईश्वर ग्वाले की भाँति लाठी लेकर सहायता नहीं करता है, बल्कि समयोजित बुद्धि प्रदान कर रक्षा करता है। जहाँ उद्यम (पुरुषार्थ), साहस, धैर्य, विवेक, शक्ति और पराक्रम हैं, वहाँ ईश्वर भी सहायता करता है। उद्यम, साहसं धैर्य बुद्धिः शक्तिः पराक्रमः। षडेते यत्र वर्तन्ते तत्र देवो सहायकः। । एक प्रसिद्ध कहावत है-हिम्मते मरदां मददे खुदा। जब मनुष्य हिम्मत से काम लेता है, तब ईश्वर भी उसकी सहायता करता है। साहसे श्री प्रतिवसति। साहस में श्री रहती है। हम जरा साहस करके उठें और दृढ़तापूर्वक आगे बढ़ें, प्रभु अवश्य हमें सहारा देंगे। जीवन की समस्याएँ एक चुनौती हैं, जिसे स्वीकार कर मनोबल, नीतिबल और पुरुषार्थ द्वारा हम इन पर विजयी हो सकते हैं। जीवन-यात्रा के अनजाने मोड़ आने पर विवेक और धैर्य से काम लें, कहीं भी कुछ कठिन नहीं रहेगा। आशा और विश्वास रखों कि फिर प्रभात होगा, अँधेरा मिटेगा और प्रकाश आयेगा। इच्छा-शक्ति से निराशा की जड़ता को समाप्त कर दें। निराश न हों जिंदगी हिम्मत का सौदा है। प्रयत्न करने पर भी बार-बार विफल होने के कारण जब दिल टूट रहा हो, तब भी गिर-गिरकर अपने को संभालकर उठ खड़ा होना चाहिए और संकट की चुनौती को स्वीकार करके आगे बढ़ते रहना चाहिए। हिम्मत हारकर मनुष्य संतुलन और विवेक खो बैठता है तथा विषय परिस्थित को अधिक विषय बना देता है। साहस, संतुलन और विवेक द्वारा ही गंभीर संकट का दृढ़तापूर्वक सामना किया जा सकता है। वज्र संकल्प लेकर उठे और हिम्मत से आगे बढ़े। जीवन का प्रवाह सदैव गतिमान रहता है तथा व्यक्ति एवं स्थिति स्थिर नहीं रह सकते हैं। जो आगे नहीं बढ़ रहा है, वह पीछे या इधर-उधर हट रहा है तथा पतन के समीप जा रहा है। इन्सान को हिम्मत से आगे ही आगे बढ़ते रहना चाहिए। जीवन में साहस और धैर्य ज्ञान की अपेक्षा अधिक उपयोगी सिद्ध होते हैं। धैर्य का अर्थ है, शान्तिपूर्वक कष्ट सहन करना तथा पुनः प्रयत्न करना। अपनी मंजिल तय करते हुए लक्ष्य की ओर हौसले से आगे बढ़ते रहने में ही जीवन का सुख छिपा पड़ा है। मंजिल पै जिन्हें जाना है, शिकवे नहीं करते, शिकवों में जो उलझे हैं, पहुँचा नहीं करते। अपने आपको गाली देना, अपने भाग्य को कोसना तुंरत छोड़ दें-यदि आपने जीवन में सुख की ओर बढ़ने का संकल्प किया है। प्रत्येक स्थिति में प्रसन्न रहना मानों दुर्भाग्य को भी चुनौती देना है। वह इन्सान क्या जो ठोकरें नसीब की न सह सके। परीक्षा के परिणाम को देखकर निराश होना अथवा रोने लगना कायरता है। जैसी आशा करोगे, जैसे विचार करोगे, वैसे बन जाओगे। हमें वही मिलता है, जिसके हम अधिकारी होते हैं। उज्ज्वल भविष्य की आशा करो, उज्ज्वल भविष्य की कल्पना करो, भविष्य उज्ज्वल हो जायगा। निरुत्साही, संशयात्मा एवं अनिश्चयी द्विविधा में पड़ा रहता है तथा संकल्पवान् आगे बढ़ जाता है। जीवन में सुख की समुज्ज्वल कल्पना करो, आशा और विश्वास के साथ आगे बढ़े चलो। एक दिन तुम अवश्य सफल होगे।