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अदाणी को दी गयी 108 हेक्टेयर चरागाह भूमि वापस ली जाएगी, गुजरात सरकार ने अदालत को बताया…

अदाणी को दी गयी 108 हेक्टेयर चरागाह भूमि वापस ली जाएगी, गुजरात सरकार ने अदालत को बताया…

अहमदाबाद, 06 जुलाई । गुजरात सरकार ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय को सूचित किया कि वह लगभग 108 हेक्टेयर गौचर भूमि वापस लेगी, जो 2005 में राज्य के कच्छ जिले में मुंद्रा बंदरगाह के पास अदाणी समूह की एक इकाई को दी गई थी।

सरकार का यह निर्णय नवीनल गांव के निवासियों द्वारा अदाणी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड को 231 एकड़ गौचर भूमि आवंटित करने के निर्णय के खिलाफ उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करने के 13 वर्ष बाद आया है।

यद्यपि राज्य राजस्व विभाग ने 2005 में आवंटन कर दिया था, लेकिन ग्रामीणों को इसके बारे में 2010 में पता चला जब एपीएसईजेड ने गौचर भूमि पर बाड़ लगाना शुरू किया।

निवासियों के अनुसार, एपीएसईजेड को 276 एकड़ में से 231 एकड़ भूमि आवंटित करने के बाद गांव में केवल 45 एकड़ चारागाह भूमि ही बची है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि यह कदम अवैध है क्योंकि गांव में पहले से ही चरागाह की कमी है। इसके अलावा, उन्होंने दावा किया कि यह जमीन सार्वजनिक है और सामुदायिक संसाधन है।

उच्च न्यायालय ने 2014 में जनहित याचिका का निपटारा कर दिया था। तब राज्य सरकार ने अपने हलफनामे में कहा था कि उपायुक्त ने चरागाह के लिए 387 हेक्टेयर अतिरिक्त सरकारी भूमि देने का आदेश पारित किया था।

जब ऐसा नहीं हुआ तो उच्च न्यायालय में अवमानना याचिका दायर की गई। राज्य सरकार ने 2015 में अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर कर दलील दी कि पंचायत को आवंटन के लिए उपलब्ध जमीन सिर्फ 17 हेक्टेयर है।

इसके बाद राज्य सरकार ने शेष भूमि को लगभग 7 किलोमीटर दूर आवंटित करने का प्रस्ताव रखा, जो ग्रामीणों को स्वीकार्य नहीं था, क्योंकि उनका कहना था कि मवेशियों के लिए इतनी लंबी दूरी तय करना संभव नहीं है।

अप्रैल 2024 में मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति प्रणव त्रिवेदी की खंडपीठ ने राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) को समाधान निकालने का निर्देश दिया था।

शुक्रवार को एसीएस ने हलफनामे के जरिए पीठ को बताया कि राज्य सरकार ने करीब 108 हेक्टेयर यानी 266 एकड़ गौचर भूमि वापस लेने का फैसला किया है, जिसे पहले एपीएसईजेड को आवंटित किया गया था।

सियासी मियार की रीपोर्ट