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कोलकाता में चिकित्सक से दुष्कर्म-हत्या के विरोध में हिप्र में चिकित्सकों की हड़ताल, सेवाएं प्रभावित…

कोलकाता में चिकित्सक से दुष्कर्म-हत्या के विरोध में हिप्र में चिकित्सकों की हड़ताल, सेवाएं प्रभावित…

शिमला, 19 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले से अपने घुटने के इलाज के लिए बदर सिंह यहां स्थित इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आईजीएमसीएच) पहुंचे, लेकिन उन्हें यह पता चलने पर वापस लौटना पड़ा कि अस्पताल के चिकित्सक हड़ताल पर हैं।

रात बिताने के लिए एक किफायती जगह की तलाश कर रहे बदर सिंह ने कहा ‘‘मेरे घुटने के जोड़ों में बहुत दर्द है और मैं मुश्किल से चल पाता हूं। मैं इलाज के लिए सिरमौर में स्थित रेणुका से आया था, लेकिन मुझे वापस भेज दिया गया। मुझे शिमला पहुंचने के लिए 1,000 रुपये खर्च करने पड़े और यह मेरे लिए बहुत महंगा है क्योंकि मेरी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है।’’

सिंह उन सैकड़ों रोगियों में से एक थे जो विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सकों की जारी हड़ताल के कारण वैकल्पिक चिकित्सा सेवाओं से वंचित रहे।

कोलकाता में सरकारी आर जी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक चिकित्सक से कथित बलात्कार और हत्या की घटना और उसके बाद हुई तोड़फोड़ की पृष्ठभूमि में भारतीय चिकित्सा संघ (आईएमए) ने हड़ताल का आह्वान किया जिसके चलते विभिन्न अस्पतालों के चिकित्सक हड़ताल पर हैं।

राज्य में ‘जूनियर डॉक्टर’ भी मंगलवार से हड़ताल पर हैं। इससे राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल आईजीएमसीएच की सेवाएं सर्वाधिक प्रभावित हुईं और दूर-दराज के इलाकों से आए सैकड़ों मरीजों को वापस लौटना पड़ा।

बुजुर्गों और गरीब पृष्ठभूमि वाले मरीजों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए यात्रा का खर्च उठाना पड़ा और उन्हें राज्य की राजधानी में रहने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था करनी पड़ी।

बिलासपुर की मूल निवासी शम्मी शर्मा अपनी बुजुर्ग मां के साथ ‘इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल’ पहुंचीं, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें वापस लौटना पड़ा।

उन्होंने कहा कि वे पिछले तीन दिनों से शिमला में रिपोर्ट का इंतजार कर रही थीं, लेकिन हड़ताल के कारण उन्हें रिपोर्ट नहीं मिल पाई।

हड़ताल कर रहे चिकित्सकों ने कोलकाता के अस्पताल की इस घटना और 2012 के निर्भया कांड के बीच समानताएं बताईं। आईजीएमसीएच की ‘जूनियर रेजिडेंट’ सुजाता ने कहा कि 2012 के निर्भया कांड के बाद बहुत बड़ी-बड़ी बातें की गईं लेकिन सच यही है कि स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।

उन्होंने कहा, ‘‘सुरक्षा एक बुनियादी अधिकार होने के बावजूद, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि चिकित्सकों को न्याय पाने के लिए विरोध करना पड़ रहा है।’’

आईजीएमसीएच के चिकित्सा अधीक्षक राहुल राव ने कहा कि केवल बाह्य रोगी विभाग और वैकल्पिक सर्जरी बंद हैं। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन यह सुनिश्चित कर रहा है कि मरीजों को ज्यादा असुविधा का सामना ना करना पड़े।

सियासी मियार की रीपोर्ट