निजी स्कूलों ने की ऑनलाइन कक्षाएं बंद, परीक्षा के लिए भी स्कूल बुलाया

अजमेर, 16 फरवरी । अजमेर जिले के कई निजी स्कूलों ने मनमानी करते हुए गृह विभाग के आदेशों के बावजूद बच्चों की ऑनलाइन कक्षाएं बन्द कर दी हैं, जिसके बाद जिले के सैंकड़ो अभिभावक बेबस हैं।
सारथी आपके साथ समाज सेवा संस्था द्वारा मुख्यमंत्री, गृहविभाग, शिक्षा मंत्री, जिला कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट सिटी को ईमेल करके इस संबंध में ध्यान खींचा है। संस्था की ओर से भेजे मेल में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच जनहित में अजमेर जिले के समस्त स्कूलों को ऑफलाइन के साथ वैकल्पिक रूप से ऑनलाइन कक्षाएं भी जारी रखी जानी चाहिए।
संस्था के अध्यक्ष मनीष गोयल एवं कोषाध्यक्ष जय गोयल ने बताया कि कई स्कूलों द्वारा बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस बंद कर दी गई हैं एवं इस संदर्भ में माता पिता को कोई नोटिस भी नहीं दिया गया है।
पेरेंट्स का कहना है कि जब उन्होंने स्कूल में ऑनलाइन क्लासेज बंद होने का कारण पूछा तो स्कूल प्रशासन संतुष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं ना ही ऑनलाइन पढ़ाई करवा रहे हैं। ऐसे में पेरेंट्स का कहना है कि कोरोना का खतरा अभी टाला नहीं है और 15 वर्ष से छोटे बच्चों के वेक्सीन भी नहीं लगी है, कोरोना संक्रमण के ख़तरों के बीच बच्चों को स्कूल भेजना सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं। वहीं स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से ऑनलाइन क्लासेस बन्द कर देने के कारण उनकी पढ़ाई का जो नुकसान हो रहा है उसकी भरपाई कैसे होगी।
पेरेंट्स का कहना है कि ज्यादातर स्कूलों ने फ़रवरी, मार्च एवं अप्रेल माह की फीस भी एडवांस में ले ली है इसके बाद भी वे अपनी दादागिरी कर रहे है।
गौरतलब है कि प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा पिछले माह से बंद पड़े स्कूलों को खोलने के क्रम में 28 जनवरी 2022 को सभी स्कूलों के लिए गृह विभाग के जरिए आदेश क्रमांक प.7(1) गृह-7/2021 जारी किया जिसकी क्रम संख्या एक के अनुसार प्रदेश में कक्षा 10 से 12 तक 1 फ़रवरी से तथा कक्षा 6 से 9 तक 10 फ़रवरी से ऑफ लाइन पढ़ाई के लिए खोल दी जाएगी। इसी प्रकार गृह विभाग ने जरिए आदेश क्रमांक प.7(1) गृह-7/2021 के तहत 13 फ़रवरी को एक और आदेश जारी किया गया जिसकी क्रम संख्या एक के अनुसार प्रदेश में कक्षा 5 तक 16 फ़रवरी से खोले जाने की बात कही है लेकिन साथ ही दोनों आदेशों में समस्त स्कूलों को इसमें भी निर्देशित किया गया है की उन्हें बच्चों को स्कूल बुलाने के लिए अभिभावकों की लिखित सहमति जरूरी होगी तथा ऐसे माता-पिता या अभिभावक जो अपने बच्चे को अभी ऑफलाइन अध्ययन के लिए स्कूल नहीं भेजना चाहते हैं उन पर स्कूलों द्वारा बच्चों की उपस्थिति के लिए दबाव नहीं बनाया जाएगा एवं उनके लिए ऑनलाइन अध्ययन की सुविधा निरंतर संचालित रखी जाएगी।
बावजूद इसके जिले के कई स्कूल ऐसे हैं जोकि राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना करते हुए बच्चों को ऑफलाइन स्कूल आने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उपाध्यक्ष देवेंद्र गुप्ता एवं संयोजक शिव शंकर अग्रवाल ने बताया की इसी को लेकर सारथी आपके साथ समाज सेवा संस्था अजमेर द्वारा जिला कलेक्टर एवं मुख्यमंत्री को ईमेल करके ऐसे स्कूलों को पाबंद करने का आग्रह किया गया।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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