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सरिस्का बाघ परियोजना से शेष रहे परिवारों के विस्थापन के लिए बनाई जाये उनकी सहमति: यादव…

सरिस्का बाघ परियोजना से शेष रहे परिवारों के विस्थापन के लिए बनाई जाये उनकी सहमति: यादव…

अलवर, 04 सितंबर । केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सरिस्का बाघ परियोजना से शेष रहे गांवों एवं परिवारों के विस्थापन के लिए संबंधित गांवों एवं परिवारों के लोगों से समन्वय कर उन्हें केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले पैकेज एवं मूलभूत सुविधाओं से अवगत कराकर उनकी सहमति बनाने के निर्देश दिए हैं।
श्री यादव मंगलवार को अलवर में सरिस्का बाघ परियोजना से विस्थापन एवं अलवर जिले के पर्यटन विकास आदि के संबंध में समीक्षा बैठक में यह निर्देश दिए। इस अवसर पर राजस्थान के वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री संजय शर्मा भी मौजूद थे।
श्री यादव ने वन एवं अन्य विभागों के अधिकारियों से जिले के विकास के लिए सकारात्मक सुझाव लिये। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि विस्थापन के विषय के संबंध में राज्य सरकार स्तर पर समन्वय स्थापित करे। विस्थापन के लिए तिजारा के गिदावडा रूंध में चिह्नित की गई 700 हैक्टेयर भूमि की अनापत्ति पर्यावरण विभाग से लेने के लिए अविलम्ब आवेदन करें। उन्होंने विस्थापित हो चुके परिवारों को केंद्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं का पात्रतानुसार लाभ दिलाने एवं उन्हें खातेदारी अधिकार दिलाने का कार्य करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (सीएसी) द्वारा उच्चतम न्यायालय में पेश की गई रिपोर्ट की सिफारिशों की पालना समयबद्ध रूप से कराये।
श्री यादव ने अलवर जिले में पर्यटन की असीम संभावनाएं बताते हुए कहा कि यहां प्राकृतिक एवं ऐतिहासिक स्थल प्रचुर संख्या में है, संबंधित विभागीय अधिकारी सकारात्मक भाव के साथ एक टीम के रूप में जिले के पर्यटन विकास के साथ चहुंमुखी विकास में अपनी सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा कि अलवर को भविष्य के सुन्दर स्थल के रूप में विकसित करावे।
बैठक में जिले के पर्यटन विकास के लिए वन, राजस्व एवं पर्यटन विभाग समन्वय स्थापित कर कार्य योजना बनाने जिसमें सरिस्का के आसपास के लोगों को प्रशिक्षण दिलाना, ईको ट्यूरिज्म, बर्ड वाचिंग पॉइंट चिह्नित कर विकसित कराने, दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे से सरिस्का को जोडने की बजट घोषणा अमलीजामा पहनाने, टाईगर डेडिकेटेड म्यूजियम के प्रस्ताव, भर्तृहरि बाबा धाम के विकास के प्रस्ताव, वन क्षेत्र से जूली फ्लोरा हटाने, प्लास्टिक फ्री जोन के लिए कार्य योजना बनाकर अमल में लाने, सिलीसेढ झील को रामसर साइट के प्रस्ताव पर कार्य करने, सरिस्का के आसपास के पर्यटन स्थलों व जिले के पर्यटन स्थलों का संरक्षण आदि के प्रस्ताव तैयार करने पर चर्चा हुई।

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