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पंजाब चुनाव: प्रचार अभियान पर अमरिंदर, प्रतिष्ठा दांव पर लगी…

पंजाब चुनाव: प्रचार अभियान पर अमरिंदर, प्रतिष्ठा दांव पर लगी…

पटियाला, 11 फरवरी । पूर्ववर्ती पटियाला राजघराने के सदस्य एवं पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पंजाब विधानसभा चुनाव में अपना दबदबा दिखाने के लिए जी-जान से प्रचार में जुटे हैं। हालांकि बदली राजनीतिक परिस्थितियों में इस बार उनकी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। उन्हें जब चुनाव प्रचार के लिए निकलना होता है तो उनके निजी आवास मोती बाग महल के हरे-भरे लॉन के सामने वाहनों की कतार लग जाती है।

पचास साल से अधिक की अपनी राजनीतिक यात्रा में अनुभवी नेता की प्रतिष्ठा कभी भी इतनी दांव पर नहीं रही, जो अब है।

पिछले साल सितंबर में कांग्रेस की पंजाब इकाई के प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के साथ कलह के बाद मुख्यमंत्री का पद और पार्टी छोड़ने के बाद सिंह ने अपनी खुद की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (पीएलसी) बनाई थी जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और शिअद (संयुक्त) के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ रही है। पंजाब में 20 फरवरी को चुनाव होगा।

कांग्रेस के विधायक के रूप में 2002, 2007, 2012 और 2017 में पटियाला (शहरी) सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके सिंह इस बार पीएलसी उम्मीदवार के रूप में इस क्षेत्र से फिर चुनाव मैदान में हैं।

सिंह ने 2017 में पटियाला से 52,000 से अधिक मतों के भारी अंतर से जीत हासिल की थी।

हालांकि, इस बार उन्हें इस सीट पर भले ही किसी दिग्गज प्रतिद्वंद्वी का सामना नहीं करना पड़ रहा, लेकिन उनके सामने चुनौती केवल यह सुनिश्चित करने की नहीं है कि पीएलसी अच्छा प्रदर्शन करे, बल्कि एक प्रमुख नेता होने के नाते उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होगा कि चुनाव में गठबंधन अच्छा प्रदर्शन करे।

अनेक लोग आज भी सिंह को “महाराजा साहब” के रूप में संबोधित करते हैं। उनके पिता यादवेंद्र सिंह पटियाला के अंतिम शासक थे।

सिंह की पत्नी परनीत कौर पटियाला से कांग्रेस सांसद हैं। सिंह भी दो बार के सांसद रहे हैं और उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव में अमृतसर से भाजपा के दिग्गज नेता दिवंगत अरुण जेटली को हराया था।

चुनाव प्रचार के दौरान सिंह इस बारे में बताते हैं कि पंजाब को “डबल इंजन” सरकार की आवश्यकता क्यों है। वह उल्लेख करते हैं कि राज्य को आर्थिक पुनरुद्धार के लिए केंद्र के समर्थन की आवश्यकता है। उनका कहना है कि पीएलसी-भाजपा-शिअद (संयुक्त) गठबंधन पंजाब के विकास में मदद करेगा।

सिंह का कहना है, “अगर किसी को लगता है कि वे केंद्र की मदद के बिना यहां सरकार चला सकते हैं तो यह संभव नहीं है।”

सिंह ने कहा कि जब उन्होंने कांग्रेस छोड़ने के बाद अपनी पार्टी बनाने का फैसला किया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहा कि वह उनके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ना चाहते हैं, तो शाह ने उन्हें प्रधानमंत्री से बात करने को कहा जिन्होंने बाद में उन्हें फोन किया और कहा कि वह उनके फैसले से बहुत खुश हैं और आश्वासन दिया कि वे मिलकर पंजाब की प्रगति के लिए काम करेंगे।

सिंह ने सनौर में एक जनसभा में कहा, “मैं आपको गारंटी दे सकता हूं कि मोदी सरकार 2024 में फिर आएगी… और अगर हमारे पास डबल इंजन की सरकार हो तो पंजाब तेजी से प्रगति कर सकता है।” उन्होंने मीडिया से कहा कि राज्य में उनका गठबंधन सरकार बनाएगा और आम आदमी पार्टी (आप) के सरकार बनाने के अनुमानों को खारिज किया।

सियासी मियार की रिपोर्ट