अदालत ने समाजसेवा के तौर पर व्यक्ति को छात्रों को सैनिटाइजर बांटने का आदेश दिया…
नई दिल्ली, 30 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने ‘‘अनजाने में’’ बिना वैध दस्तावेजों के हवाई अड्डे पर कारतूस ले जाने के मामले में एक व्यक्ति के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया और उसे स्कूली छात्रों को ‘मस्कीटो रिपलेंट’ और सैनिटाइजर बांटने का आदेश दिया।
न्यायमूर्ति जसमीत सिंह ने 28 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता-अभियुक्त द्वारा किए गए कृत्यों और चूक के कारण पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी, जिससे उपयोगी समय खराब हुआ। इसलिए, उन्हें अब समाज के लिए कुछ अच्छा करना चाहिए।
अदालत ने कहा कि (याचिकाकर्ता द्वारा) कम से कम 200 छात्रों वाले सरकारी या नगरपालिका स्कूल में मस्कीटो रिपलेंट (मच्छर भगाने वाला द्रव्य) और सैनिटाइजर वितरित किए जाने चाहिए।
अदालत ने कहा कि अतिरिक्त लोक अभियोजक द्वारा जांच अधिकारी के परामर्श से स्कूल की पहचान की जाएगी और इसके बाद एक सप्ताह के भीतर किट वितरित की जाए।
दिल्ली से शिकागो की यात्रा करने वाले अमेरिकी नागरिक के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के कथित उल्लंघन के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई थी क्योंकि तलाशी के समय उनके पास बिना किसी दस्तावेज के एक कारतूस बरामद किया गया था।
सियासी मियार की रिपोर्ट