श्रीलंका के हालात को लेकर आईएमएफ चिंतित.

कोलंबो, । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने श्रीलंका के मौजूद आर्थिक हालात पर चिंता जताते हुये कहा है कि उम्मीद है कि विषम परिस्थितियों का सामना कर रहे गरीबों और कमजोर लोगों को राहत पहुंचाने की दिशा में यह देश तेजी से काम करने में सक्षम होगा। डेली मिरर के अनुसार आईएमएफ ने दोहराया है कि चार साल के ईएफएफ कार्यक्रम पर कर्मचारी स्तर का समझौता हो चुका है हालांकि कार्यक्रम का प्रारंभिक संवितरण बोर्ड की बैठक के बाद ही हो सकेगा। अखबार के अनुसार आईएमएफ के उप निदेशक (एशिया और प्रशांत) ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने कहा है कि कर्ज के हालात से निपटने के लिये पहले से ही अधिकारी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि द्वीप देश के ऋण का आकलन किया जा चुका है और आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड को इसे मंजूरी देने के लिए दो विशिष्ट वित्तपोषण आश्वासनों की जरूरत होगी। इसमें पहला आधिकारिक द्विपक्षीय लेनदारों से होगा। दूसरे आश्वासन में निजी क्षेत्र के ऋण से निपटने के लिए सद्भावना प्रयास जारी हैं। कर्ज के जंजाल से निकलने के लिये श्रीलंका मौजूदा समय में अपने कानूनी और वित्तीय सलाहकारों के साथ काम कर रहा है। इस दिशा में समय सीमा के संबंध में गुल्डे-वुल्फ ने कहा कि आमतौर पर इस बारे में सटीक आकलन मुश्किल भरा हो सकता है क्योंकि कर्ज को लेकर बातचीत की प्रक्रिया में समय लगता है। उन्होंने कहा, “ हम निश्चित रूप से इस प्रक्रिया का यथासंभव समर्थन कर रहे हैं और आशा करते हैं कि हर कोई एक प्रक्रिया शुरू करने के लिए तेजी से काम कर सकता है, और चर्चा शुरू हो रही है, जिसमें शामिल सभी द्विपक्षीय लेनदारों का समर्थन शामिल है।” आईएमएफ के अनुसार सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट के बावजूद श्रीलंका एक मध्यम आय वाला देश है और रहेगा। राष्ट्रपति और वित्त मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा ह श्रीलंका विश्व बैंक और अन्य बहुपक्षीय ऋणदाताओं से सामूहिक रूप से दो बिलियन डालर तक के द्विपक्षीय ऋण जुटाने की उम्मीद कर रहा है।
सियासी मीयार की रिपोर्ट
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