Sunday , September 22 2024

राहुल गांधी ने भाजपा और संघ पर लगाया नफरत फैलाने का आरोप..

राहुल गांधी ने भाजपा और संघ पर लगाया नफरत फैलाने का आरोप..

कहा- वे जय सियाराम नहीं बोलेते क्योंकि उनके संगठन में कोई महिला नहीं

आगर मालवा/भोपाल, 03 दिसंबर मध्य प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा के 10वें दिन शुक्रवार शाम को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आगरमालवा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा पर देश में नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि संघ और भाजपा के लोग भगवान राम के जीने के तरीके को नहीं अपनाते। वे सियाराम और सीताराम कर ही नहीं सकते, क्योंकि उनके संगठन में एक महिला नहीं है। ये लोग एक तरफ तो खुद को देशभक्त और राष्ट्रवादी बताते हैं और दूसरी तरफ नफरत फैलाते हैं। वह भाई को भाई से लड़वाते हैं। धर्म को धर्म से लड़वाते हैं।

मप्र में भारत जोड़ो यात्रा का शुक्रवार को 10वां दिन है। सुबह यात्रा उज्जैन जिले के जनाहा गांव से शुरू होकर आगरमालवा जिले के समुराखेड़ी पहुंची, जहां लंच ब्रेक हुआ। इसके बाद दोपहर में यात्रा पालखेड़ी पहुंची। यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई हैं। कई महिलाएं तिरंगा साफा बांधकर यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदमताल करते चली। राहुल गांधी के साथ मीनाक्षी नटराजन, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, उनकी पत्नी अमृता सिंह और विधायक जयवर्धन भी चले। यात्रा शाम को अगले पड़ाव आगर-मालवा पहुंची, जहां देर शाम राहुल गांधी ने सभा को संबोधित किया।

राहुल गांधी ने अपने संबोधन में ‘जय श्रीराम’, ‘जय सियाराम’ और ‘हे राम’ के नारों की अपने अंदाज में व्याख्या की। उन्होंने यात्रा में मिले एक पंडित जी से संवाद के हवाले से तीनों नारों को समझाया और इनके जरिए भाजपा और संघ पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि पंडित जी ने मुझसे गहरा सवाल किया। कहते हैं राहुल जी जो भगवान राम थे, वो तपस्वी थे, उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी तपस्या में डाल दी। गांधी जी हे राम कहते थे। गांधी जी का नारा था हे राम। हे राम का मतलब क्या? हे राम का मतलब राम एक जीने का तरीका था, भगवान राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, जिंदगी जीने के तरीके थे। उन्होंने पूरी दुनिया को जीने का तरीका सिखाया।

राहुल गांधी ने तीनों नारों की व्याख्या करते हुए कहा कि गांधी जी का नारा था हे राम।। हे राम का मतलब राम एक जीने का तरीका था, भगवान राम सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, एक जिंदगी जीने का तरीका थे, प्यार, भाईचारा, इज्जत, तपस्या, उन्होंने पूरी दुनिया को जीने का तरीका सीखाया। गांधी जी हे राम कहते थे, उनका मतलब था, जो भगवान राम है, वो भावना हमारे दिल में है। और उसी भावना को लेकर हमें जिंदगी जीना है। ये हैं हे राम।

दूसरा नारा – ‘जय सियाराम’ इसका मतलब सीता और राम एक ही हैं। इसलिए नारा है जय सियाराम या जय सीताराम। भगवान राम सीता जी की इज्जत के लिए लड़े। हम जयसिया राम कहते है और समाज में महिलाओं का सीता की तरह आदर करते हैं। तीसरा नारा – ‘जयश्री राम’ – इसमें हम राम भगवान की जय कहते है। पंडित जी ने मुझसे कहा कि आप अपनी स्पीच में पूछिए कि बीजेपी के लोग जय श्रीराम करते हैं, लेकिन जय सियाराम और हे राम क्यों नहीं करते। संघ और भाजपा के लोग, जिस भावना से भगवान राम ने अपनी जिंदगी जी, उस भावना से जिंदगी नहीं जीते हैं। राम ने किसी के साथ अन्याय नहीं किया। राम ने समाज को जोड़ने का काम किया। राम ने सबको इज्जत दी।

नोटबंदी और जीएसटी को लेकर केन्द्र पर साधा निशाना

राहुल गांधी ने कहा कि सड़क पर मैं लाखों लोगों से मिला हूं। किसानों से, मजदूरों से, बच्चों से सभी से मिला। किसानों को खाद नहीं मिलता, मिलता है तो महंगा मिलता है। सही दाम नहीं मिलता, हमारा कर्जा माफ नहीं होता। किसान पूछता है, हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों का कर्जा माफ होता है, हमारे कर्जे माफ नहीं होते। राहुल गांधी ने कहा कि किसान और छोटे दुकानदार कहते हैं कि हिंदुस्तान के सबसे बड़े अरबपतियों के लिए रास्ता साफ किया जा रहा है। छोटे दुकानदार कहते हैं नोटबंदी और जीएसटी ने हमारे धंधों को खत्म कर दिया। उन्होंने यात्रा का उद्देश्य बताते हुए कहा कि यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर केरला, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्रा, महाराष्ट्रा, मध्यप्रदेश, राजस्थान हरियाणा होकर दिल्ली पहुंचेगी, फिर श्रीनगर तक यह यात्रा जायेगी वहां पर हम तिरंगा फहराएंगे।

सियासी मियार की रिपोर्ट