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ईनाडु समूह के अध्यक्ष चेरुकुरी रामोजी राव का निधन..

ईनाडु समूह के अध्यक्ष चेरुकुरी रामोजी राव का निधन..

हैदराबाद, 08 जून । ईनाडु समूह के अध्यक्ष चेरुकुरी रामोजी राव का शनिवार तड़के यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह 88 वर्ष के थे।
अस्पताल के सूत्रों ने बताया कि श्री राव को सांस लेने में तकलीफ के चलते पांच जून को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सूत्रों ने बताया कि इलाज के दौरान शनिवार को तड़के 04.50 बजे उनका निधन हो गया। सूत्रों ने बताया कि उनके पार्थिव शरीर को रामोजी फिल्म सिटी स्थित उनके आवास पर ले जाया जाएगा, जहां परिवार, मित्र और प्रशंसक उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे।
आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पेदापरुपुडी में एक कृषक परिवार में जन्मे श्री रामोजी के स्वामित्व वाली कंपनियों में मार्गदर्शी चिट फंड, ईनाडु अखबार, ईटीवी नेटवर्क शामिल हैं। गौरतलब है कि श्री राव के छोटे पुत्र चेरुकुरी सुमन की 07 सितंबर, 2012 को ल्यूकेमिया से मृत्यु हो गई थी।
श्री राव रामोजी समूह के प्रमुख थे, जो दुनिया की सबसे बड़ी फिल्म निर्माण केंद्र रामोजी फिल्म सिटी, ईनाडु अखबार, टीवी चैनलों के ईटीवी नेटवर्क और फिल्म निर्माण कंपनी उषा किरण मूवीज के मालिक थे। उनके अन्य व्यावसायिक उपक्रमों में मार्गदर्शी चिट फंड, डॉल्फिन ग्रुप ऑफ़ होटल्स, कलंजलि शॉपिंग मॉल, प्रिया अचार और मयूरी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर्स शामिल हैं। उन्होंने तेलुगु सिनेमा में अभिनय के लिए चार फिल्मफेयर पुरस्कार, पांच नंदी पुरस्कार और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्राप्त किए थे। वर्ष 2016 में पत्रकारिता, साहित्य और शिक्षा में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं तेलंगाना प्रदेश भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जी किशन रेड्डी ने श्री रामोजी के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “श्री रामोजी राव गारू के निधन से दुखी हूं। तेलुगु मीडिया और पत्रकारिता में उनका उल्लेखनीय योगदान सराहनीय है। उनके परिवार के सदस्यों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है। ओम शांति।”
लोकसत्ता के संस्थापक एवं अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण ने माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा, “श्री रामोजी राव का निधन तेलुगु समाज और भारतीय पत्रकारिता के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वह वसूलों से समझौता नहीं करने वाले स्व-निर्मित दिग्गज थे। वह हमेशा निडर लड़ाई की भावना, समर्पण, नवाचार, अखंडता, विश्वसनीयता, किसानों के कल्याण और सार्वजनिक भलाई के लिए खड़े रहे।” उन्होंने कहा कि श्री रामोजी ने लगभग पांच दशकों तक मीडिया की दुनिया में एक महापुरुष की तरह काम किया और वे तेलुगु भाषी लोगों के आधुनिक इतिहास का एक अभिन्न अंग रहे हैं।ओम शांति।\

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